रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी सुपरटेक (Supertech) एक बार फिर चर्चा में है। नोएडा स्थित सुपरटेक की एक बिल्डिंग में लिफ्ट के फ्री फॉल से बुजुर्ग महिला हो गई हैं। मामला सुपरनोवा सोसायटी का है। बुजुर्ग महिला लिफ्ट से नीचे उतर रही थीं। तभी अचानक से झटका खाते हुए लिफ्ट 34वें फ्लोर से सीधे 17वें फ्लोर पर आ गई। लिफ्ट के भीतर मौजूद महिला अब बुरी तरह जख्मी हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घायल बुजुर्ग महिला के बेटे ने इस संबंध में नोएडा सेक्टर 126 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी है। सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा (RK Arora) और मोहित अरोड़ा (Mohit Arora) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही लिफ्ट मेंटेनेंस फर्म वाई. जी. एस्टेट के प्रबंधन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

यूपी में 4 साल से लटका है लिफ्ट एक्ट

2018 में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम का मसौदा तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया था। एक्ट उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिफ्टों और एस्केलेटरों के उचित रखरखाव और कामकाज के लिए नियमों का एक सेट निर्धारित करना था। लेकिन सरकार आज चार साल बाद भी मसौदा दबाए बैठी है। महाराष्ट्र सहित भारत के कई राज्यों में लिफ्टों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए ऐसे कानून हैं।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 2,000 हाईराइज सोसायटी हैं। निवासियों का आरोप है कि लिफ्ट लोगों के फंसने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कभी कुछ मिनट, तो कभी-कभी घंटे भर के लिए भी लोग फंस जाते हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लिफ्ट में लोगों के फंसने के बाद स्वचालित बचाव प्रणाली काम नहीं करता। न ही सोसायटी की रखरखाव करने वाली टीम तुरंत प्रतिक्रिया देती है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गत शनिवार को सेक्टर 78 की एक ऊंची इमारत में बिजली गुल होने के कारण 13 लोग एक ही लिफ्ट में 25 मिनट तक फंसे रहे। इसमें कई बच्चे भी थी। इससे पहले 6 जून को ग्रेटर नोएडा में फ्यूजन होम्स सोसाइटी के छह निवासी 15 मिनट से लिफ्ट में फंसे रहे थे। निवासियों का कहना है कि जब लिफ्ट में फंसते हैं न तो इमरजेंसी बटन काम करता और न ही इंटरकॉम।

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