लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला, जिसमें लोग पत्थरबाजी करते नजर आ रहे थे। वीडियो को सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा था। जांच के दौरान हमने पाया कि वीडियो उत्तराखंड के बग्वाल मेले का है। वीडियो को लेकर किये जा रहे वायरल दावे पूरी तरह भ्रामक हैं।

क्या है दावा?

X यूजर @indian47khan ने वायरल वीडियो को अपनी प्रोफाइल पर शेयर किया है।

अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पडताल:

हमने वीडियो को InVid टूल में अपलोड किया और वीडियो से कुछ स्क्रीनशॉट प्राप्त किए। फिर हमने वीडियो के कीफ़्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।

रिवर्स इमेज सर्च के दौरान हमें इंस्टाग्राम पर 9 अक्टूबर, 2024 को अपलोड की गई एक रील मिली।

वीडियो का कैप्शन था: जय माँ देवी धुरा #उत्तराखंड

वीडियो पर लिखा था: बग्वाल 2024. बाराही धाम, देवीधुरा

फिर हमने वीडियो में बताए गए शब्दों पर Google कीवर्ड सर्च किया।

देवीधुरा मेले के बारे में हमें यही पता चला, जिसे उत्तराखंड में एक अनोखा त्यौहार कहा जाता है।

बग्वाल मेले के दौरान अलग-अलग कुलों के दो समूह नकली युद्ध में शामिल होते हैं, एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं और खुद को लकड़ी की बड़ी ढालों से बचाते हैं। माना जाता है कि बग्वाल के नाम से पहचानी जाने वाली यह सदियों पुरानी प्रथा देवीधुरा मंदिर की अधिष्ठात्री देवी माँ बाराही देवी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है।

हमें इस बारे में रिपोर्ट भी मिलीं।

निष्कर्ष: उत्तराखंड के देवीधुरा में होने वाले ऐतिहासिक बग्वाल मेले का वीडियो गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल दावे भ्रामक हैं।