बौद्ध भिक्षु, कार्यकर्ता और विभिन्न संगठन बोधगया में महाबोधि बुद्ध विहार के पवित्र मंदिर का प्रबंधन भारत के बौद्धों को सौंपने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार पुलिस ने महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन के तहत भूख हड़ताल पर बैठे बौद्ध भिक्षुओं को हिरासत में लिया। विरोध प्रदर्शन 12 फरवरी को शुरू हुआ था।
इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी एक भिक्षु पर लाठीचार्ज करते दिख रहे हैं। जांच के दौरान, हमने पाया कि यह वीडियो बिहार के बोधगया का नहीं, बल्कि नेपाल का है।
क्या है दावा?
X यूजर अतुल खोडावाल ने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ प्लेटफॉर्म पर शेयर किया।
अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो को InVid टूल पर अपलोड करके जांच शुरू की और उससे कीफ्रेम निकाले। हमने इन कीफ्रेम पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
एक कीफ्रेम पर ‘नेपाल खबर’ का लोगो दिखाई दे रहा था।
फिर हमने इस कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
हमें फेसबुक पर पोस्ट की गई एक रील मिली। इससे पता चला कि रील नेपाल की है।
हमें YouTube चैनल, PEMAS VLOG पर 11 महीने पहले पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला।
हमें YouTube चैनल, सागरमाथा टीवी पर 10 महीने पहले पोस्ट किया गया एक समान दृश्य मिला।
हमें ये दृश्य फेसबुक पर लालीगुराश मीडिया नेटवर्क द्वारा पोस्ट की गई एक समाचार रिपोर्ट में भी मिले.
हमें 9 अप्रैल 2024 को पोस्ट की गई एक खबर भी मिली।
रिपोर्ट का शीर्षक था (अनुवाद): बौद्ध भिक्षु पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई
इसमें कहा गया: पुलिस मुख्यालय ने बौद्ध भिक्षु पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का फैसला किया है। राजेंद्र महतो के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्रांति आंदोलन के विरोध प्रदर्शन के दौरान भद्रकाली में बौद्ध भिक्षु को लात मारने वाले पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष: नेपाल पुलिस द्वारा बौद्ध भिक्षु पर हमला करने का एक पुराना वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि बिहार पुलिस ने बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं पर लाठीचार्ज किया। वायरल दावा भ्रामक है।