हमास से बदला लेने के लिए इजरायल पिछले कई दिनों से गाजा पट्टी पर हमला कर रहा है। गाजा में फिलिस्तीनियों की बसाहट है। साल 2007 से इजरायल ने गाजा पट्टी की नाकाबंदी कर रखी है। वह वहां पहुंचने वाले खाना, पानी, बिजली और ईंधन तक का सप्लाई कंट्रोल करता है।
हमास के साथ शुरू हुए युद्ध के बाद इजरायल न सिर्फ गाजा पर बम बरसा रहा है बल्कि उसका खाना, पानी, बिजली और ईंधन भी पूरी तरह बंद कर चुका है। ऐसे में गाजा के भीतर आपातकालीन स्थिति बनी हुई है। संयुक्त राज्य (UN) ने बयान जारी कर कहा है कि गाजा में बेहद गंभीर मानवीय संकट पैदा होने का खतरा है। वहां तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए रास्ता दिए जाने की जरूरत है।
50000 गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा साफ पानी
संयुक्त राष्ट्र की सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ एजेंसी (UNFPA) ने गाजा में हिंसा के बीच फँसी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। यूएन के मुताबिक, गाजा में रहने वाली 50000 गर्भवती महिलाएं साफ पानी तक को मोहताज हैं। वहां 5500 ऐसी महिलाएं फंसी हैं, जो आने वाले महीने में बच्चे को जन्म देंगी।
एजेंसी ने कहा कि यह प्रति दिन 166 जन्मों के बराबर है, जो स्वास्थ्य देखभाल या यहां तक कि साफ पानी तक अपर्याप्त पहुंच के साथ हो रहे हैं। UNRWA का दावा है कि वह अपने सेल्टर्स में महिलाओं को डिग्निटी किट उपलब्ध करवा रहा है। डिग्निटी किट में सैनेटरी पैड, साबुन, तौलिया, सूती कपड़ा, डिस्पोजेबल बैग आदि होता है।
दो लाख 20 हजार लोग विस्थापित
नाकाबंदी और पाबंदी के बीच गाजा में रहने वाले 23 लाख लोगों के लिए बाहर से सहायता नहीं पहुंच सकती। गाजा के लगभग दो लाख 20 हजार फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए हैं यानी उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा है। विस्थापित फिलिस्तीनियों को संयुक्त राष्ट्र एजेंसी UNRWA द्वारा चलाए जाने वाले संचालित स्कूलों में रखा गया है। विस्थापन लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गाजा की 2500 इमारते या तो पूरी तरह नष्ट हो गई हैं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं यानी रहने लायक नहीं बचीं। वहीं लगभग 23,000 इमारतों को मामूली क्षति पहुंची है। छह दिनों में ही 600,000 बच्चों के पास अब पढ़ने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। स्कूलों और कॉलेजों को भारी क्षति हुई है।
इस बीच इजरायल ने एक नई घोषणा की है। उसने उत्तरी गाजा के लोगों को शहर खाली कर दक्षिण की तरफ जाने को कहा है। इजरायली डिफेन्स फ़ोर्सेस (आईडीएफ) ने लोगों को अपनी सुरक्षा और बचाव के लिए 24 घंटे का समय दिया है। इसका मतलब यह है कि गाजा के 11 लाख लोग को 24 घंटे के अंदर अलग लगभग आधा गाजा खाली कर दूसरी तरफ शिफ्ट होना है। माना जा रहा है कि इतना बड़ा पलायन, इतने कम समय में बहुत मुश्किल है। यानी स्थिति और बिगड़ने वाली है। आईडीएफ की चेतावनी पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर पलायन के गंभीर परिणाम होंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना को गाजा से लगे बॉर्डर पर टैंक समेत भारी गोलाबारूद एकत्र करते देखा गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इजरायली सेना गाजा में जमीनी कार्रवाई कर सकती है।
2007 से इजरायली नाकाबंदी में गाजा
इजरायल ने साल 2007 से गाजा की नाकाबंदी कर रखी है। हालांकि इजरायल का कहना है कि उसने 2005 में ही कब्जा हटा लिया था। लेकिन यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन अब भी यह मानते हैं कि गाजा पर इजरायल का कब्जा है। गाजा चारों तरफ से घिरा है। पश्चिम में समुद्र है। उत्तर और पूर्व में इजरायल ने दीवार उठा रखी है। बचा दक्षिण, तो उधर मिस्र ने स्टील की दीवार बना दी है। (गाजा की हालत के बार में विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।)