मारे गए माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) के सरेंडर की अटकलें लग रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शाइस्ता परवीन सरेंडर करने की तैयारी में हैं। हालांकि अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने jansatta.com से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने अभी तक सरेंडर की अर्जी भी नहीं डाली है।

सरेंडर की कोई अर्जी नहीं दी- एडवोकेट

एडवोकेट विजय मिश्रा ने कहा कि अगर शाइस्ता को सरेंडर करना होता तो हम पहले कोर्ट में सरेंडर की अर्जी डालते, लेकिन अभी तक कोई अर्जी नहीं डाली है। हमारा शाइस्ता परवीन से कोई संपर्क तक नहीं है। एडवोकेट मिश्रा ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि अतीक के परिवार ने वकील बदल दिया है और दूसरे वकील हायर किये हैं। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है, हमसे तो इस बारे में कोई बात तक नहीं हुई है।

CJI को लिखी चिट्ठी में किसका नाम?

एडवोकेट विजय मिश्रा से जब पूछा गया कि मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है क्या बाहुबली अतीक अहमद ने अपनी हत्या से पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक चिट्ठी लिखी थी। वह चिट्ठी कहां है? तो उन्होंने बताया कि चिट्ठी किसी के पास रखी हुई है, लेकिन अभी तक डिस्पैच नहीं हुई है।

चिट्ठी में उत्तर प्रदेश सरकार के एक बड़े अफसर का नाम है, जिसके निशाने पर अतीक और उनका परिवार लंबे समय से था। साजिश रची जा रही थी। अतीक को पहले से ही साजिश की आशंका हो गई थी। हालांकि उन्होंने अफसर के नाम का खुलासा नहीं किया और कहा कि अगले दो-तीन दिनों में नाम खुद नाम सामने आ जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में

एडवोकेट विजय मिश्रा ने कहा कि इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है। हाईकोर्ट ने कहा था कि अतीक को कहीं भी ले जाएं तो वीडियोग्राफी की व्यवस्था हो, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। लेकिन हत्या वाले दिन न तो वीडियोग्राफी कराई गई और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। इस मामले में उच्चतम न्यायालय जाने पर भी विचार किया जा रहा है। हम अपने सीनियर के संपर्क में हैं।

पुलिस कस्टडी में हुई थी अतीक की हत्या

15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तीन हमलावरों ने इस घटना को यूपी के प्रयागराज में उस वक्त अंजाम दिया, जब अतीक और अशरफ को रूटीन चेकअप लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। हमलावरों ने हत्या करने के बाद ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए अपने हथियार ज़मीन पर फेंककर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।