Donkey vs. Elephant in U.S. Election 2024: अमेरिका में पिछले कई महीनों से चल रहे जोरदार चुनाव प्रचार के बाद अब वक्त वोटिंग का है। लगभग 33 करोड़ की आबादी वाले इस मुल्क का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसका अमेरिका के साथ ही दुनिया के दीगर मुल्कों को भी इंतजार है। इस चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधा मुकाबला है।
अमेरिका की तमाम चुनावी रैलियों से लेकर चुनाव से संबंधित सभी न्यूज आर्टिकल में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों को गधों और हाथियों के जरिए ही दिखाया जाता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए हम आपको बताते हैं कि इस सवाल का जवाब क्या है।
इसका जवाब 100 साल से भी ज्यादा पुराने पॉलिटिकल कार्टून और उस दौर में चल रही अमेरिकी राजनीति के स्वभाव में छुपा है।
थॉमस नास्ट को जाता है क्रेडिट
अमेरिका के जाने-माने पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट को दो बड़े राजनीतिक दलों के लिए इन दो जानवरों का चित्र बनाने का क्रेडिट दिया जाता है। स्मिथसोनियन मैगजीन के मुताबिक, उस दौर में पॉलिटिकल कार्टून काफी प्रभावशाली थे और यह अपने विचारों को बहुत कम शब्दों में रखकर मतदाताओं पर असर डालने की क्षमता रखते थे।
रिपब्लिकन पार्टी के तत्कालीन उम्मीदवार और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने नास्ट को अपना ‘बेस्ट रिक्रूटिंग जनरल’ तक कहा था। नास्ट रिपब्लिकन पार्टी को पसंद भी करते थे। नास्ट ने एक और बहुत पॉपुलर कार्टून भी बनाया था जिसे हम सांता क्लॉज के नाम से जानते हैं।
हार्पर वीकली पत्रिका में 1870 में छपे एक कार्टून में नास्ट ने एक गधे को एक मरे हुए शेर को लात मारते हुए दिखाया था। गधा डेमोक्रेट्स के उस सेक्शन को दिखाता था जिसे नास्ट नापसंद करते थे जबकि शेर अब्राहम लिंकन के पूर्व सचिव एडविन स्टैंटन को दिखाता था। डेमोक्रेट्स एडविन की आलोचना करते थे। इस कार्टून का टाइटल था- एक जिंदा गधा मरे हुए शेर को लात मार रहा है। इस कार्टून में गधे का चुनाव जानबूझकर किया गया था।

हार्पर वीकली पत्रिका में लिखा गया था कि 1828 में जब डेमोक्रेटिक नेता एंड्रयू जैक्सन राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे तो उनके विरोधी उन्हें गधा कहकर ही बुलाते थे। जैक्सन ने अपने विरोधियों से प्रेरित होकर गधे की छवि को चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया। उन्होंने गधे को इस तरह दिखाया कि गधा बिल्कुल भी धीमा और जिद्दी नहीं है बल्कि वह एक दृढ़ इच्छा शक्ति वाला जानवर है।
इसी तरह हाथी को अक्सर नास्ट के कार्टूनों में भारी-भरकम और न हारने वाले जीव के रूप में दिखाया जाता था और यह रिपब्लिकन का प्रतिनिधित्व करता था। हाथी को इस तरह दिखाया जाता था कि वह डेमोक्रेट्स के गधे की तुलना में ज्यादा बेहतर है। हालांकि ऐसा नहीं था कि इसकी आलोचना नहीं हो सकती थी।
2018 में CNN में एक रिपोर्ट छपी थी। इस रिपोर्ट में 1874 के कार्टून “थर्ड टर्म पैनिक” को लेकर कहा गया था कि यह कार्टून द न्यूयॉर्क हेराल्ड की प्रतिक्रिया थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि अब्राहम लिंकन की पार्टी के एक समर्थक नास्ट ने द न्यूयॉर्क हेराल्ड को शेर की खाल में लिपटे गधे के रूप में दिखाया था और कहा था कि वह जंगल के दूसरे जानवरों को डराता है। इस चित्र में दिखाया गया था कि एक बहुत बड़ा हाथी है जिस पर रिपब्लिकन वोट लिखा हुआ है और ऐसा लगता है कि वह किसी चट्टान से नीचे गिरने वाला है।

सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया था कि नास्ट ने इस कार्टून में अपने पक्ष का भी उतनी ही खुशी से मजाक उड़ाया, जितना कि अपने विरोधियों का। इसमें रिपब्लिकन पार्टी को एक बहुत कमजोर और डरे हुए जीव के रूप में दिखाया गया था।
स्मिथसोनियन अमेरिकन हिस्ट्री म्यूजियम के क्यूरेटर जॉन ग्रिनस्पैन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि ऐसे चित्र उस दौर में बहुत लोकप्रिय हुए, जब मतदाताओं में अपने पसंदीदा राजनीतिक दलों के लिए काफी वफादारी थी। क्यूरेटर लिसा कैथलीन ग्रैडी ने कहा कि क्योंकि अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर ध्रुवीकरण देखा जा रहा है तो गधे और हाथी के ये चित्र बदले जा सकते हैं।