प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने नागरिकों से 13-15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा फहराने और 2-15 अगस्त तक सोशल मीडिया अकाउंट्स की डीपी (Display Picture) में राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अपील की है। यह पहल ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का हिस्सा है, जो आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आता है।

अगर आप भी अपने घर पर तिरंगा फहराने की तैयारी में है तो राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम और कायदों को जान लें, जिससे तिरंगे का अपमान न हो। तिरंगा फहराने से लेकर उसके रखरखाव तक का कायदा संसद द्वारा तय किया गया है, जिसे भारतीय ध्वज संहिता (flag code of india) के नाम से जाना जाता है। फ्लैग कोड का उल्लंघन कर तिरंगे का इस्तेमाल करने वालों को जेल भी हो सकती है।

ये गलती न करें

राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखना या बनाना गैरकानूनी है। किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए। जब आप राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो ध्यान रहे कि उसके पास कोई अन्य झंडा तिरंगे से ऊंचा न हो। तिरंगे का इस्तेमाल किसी सामान या बिल्डिंग को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता।

बिना सरकारी आदेश तिरंगे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जा सकता। इसके अलावा झंडे को पानी में डुबोने और फिजिकली डैमेज करने पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। तिरंगे के फटने या गंदा होने पर उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना होता है। ध्वजारोहण के बाद भाषण देने वाले ध्यान रखें कि लहराता हुआ झंडा उनके आगे की तरफ दाहिने हाथ पर हो। पीछे की तरफ या बाएं हाथ पर न हो।

केंद्र ने किया बदलाव

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी नागरिक नियमों का उल्लंघन न करे, केंद्र ने हाल ही में ध्वज संहिता में दो बड़े संशोधन किए। 20 जुलाई, 2022 को हुए संशोधन के बाद से राष्ट्रीय ध्वज को दिन और रात दोनों समय फहराया जा सकता है। पहले सिर्फ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता था। पहले तिरंगे को सिर्फ खुले आसमान के नीचे फहराने की अनुमति थी। अब कोई व्यक्ति अपने घर में भी फहरा सकता है।

30 दिसंबर, 2021 के संशोधन से पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर के झंडों की भी अनुमति नहीं थी। खादी सामग्री का उपयोग करके केवल हाथ से बने तिरंगे को ही फहराया जा सकता था। लेकिन संशोधन के बाद खादी के साथ-साथ कपास, पॉलिएस्टर, ऊन और रेशम से बना ध्वज भी फहराया जा सकता है।