चुनावी राज्य झारखंड में बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के बयानों से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या बीजेपी झारखंड का चुनाव हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर लड़ने की तैयारी कर रही है? सरमा इन दिनों लगातार झारखंड का दौरा कर रहे हैं और उनका आरोप है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में हो रही अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर चुप है और ऐसा वह वोट बैंक की राजनीति के चलते कर रही है।

लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा भी बीजेपी नेताओं के इन बयानों का खुलकर जवाब दे रही है और उसने गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठाए हैं।

हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव अक्टूबर में होने हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद राज्य का राजनीतिक माहौल बहुत तेजी से बदला है और इसे देखते हुए बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के लिए अपनी चुनावी रणनीति को लगातार बदल रही है।

झारखंड में पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे

साल बीजेपी को मिली सीटें झामुमो को मिली सीटेंकांग्रेस को मिली सीटेंझाविमो (प्रजातांत्रिक) को मिली सीटेंआजसू को मिली सीटें
2014 विधानसभा चुनाव 3719685
2019 विधानसभा चुनाव 25301632

सरमा ने किया डेमोग्राफी बदलने का दावा

मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के बाद झारखंड की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। उनका दावा है कि झारखंड के संथाल परगना के इलाके में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में घुसपैठियों का आना जारी है और वे यहां आदिवासियों और दलितों की जमीनें छीन रहे हैं और उन पर अत्याचार कर रहे हैं।

सरमा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया है कि झारखंड के 20 विधानसभा क्षेत्रें में बांग्लादेशी घुसपैठिए 20 से 48% तक बढ़ गए हैं और अगर ऐसा ही होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब घुसपैठिए राज्य की विधानसभा में भी बैठेंगे।

बीजेपी ने झारखंड के विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार बनाने के इरादे से कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राज्य का प्रभारी बनाया है। चौहान भी लगातार झारखंड का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव में एकजुट होने की अपील कर रहे हैं।

झामुमो ने दिया जवाब

बीजेपी की ओर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर किए जा रहे दावों के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी उसे जवाब दिया है। झामुमो का कहना है कि पिछले 10 सालों से केंद्र में बीजेपी की 56 इंच वाली सरकार है और बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा गृह मंत्रालय के अधीन आती है।

बीजेपी के चाणक्य गृह मंत्री की कुर्सी पर हैं और मोदी सरकार बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के लिए रेड कारपेट बिछाकर चलती है और अब अपनी अक्षमता विपक्ष के ऊपर डाली जा रही है।

सांसद ने कहा- घट रही आदिवासी समुदाय की आबादी

इसी तरह की मांग झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने भी कुछ दिन पहले लोकसभा में उठाई थी। उन्होंने संसद में कहा था कि झारखंड में आदिवासी समुदाय की आबादी घटती जा रही है और इसके लिए बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ जिम्मेदार है।

निशिकांत दुबे ने कहा था कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए झारखंड में आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं। हालात ऐसे हैं कि झारखंड में कम से कम 100 पंचायतों की मुखिया ऐसी आदिवासी महिलाएं थी जिन्होंने मुस्लिम पुरुषों से शादी की थी। उन्होंने कहा था कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है बल्कि झारखंड के आदिवासी इलाकों में बाहरी लोगों की घुसपैठ का है।

उन्होंने दावा किया था कि संथाल परगना के इलाके में 2000 में आदिवासियों की आबादी 36% थी वह घटकर 26% रह गई है। उन्होंने सवाल उठाया था कि इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी कहां चले गए? झारखंड में मुस्लिम समुदाय की आबादी 15% है।

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झारखंड में एनडीए-इंडिया गठबंधन में है कांटे की लड़ाई। (Source-FB)

बीजेपी के लिए झारखंड लोकसभा चुनाव के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। उसे पिछली बार के मुकाबले कम सीटें मिली हैं और राज्य में आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित पांचों लोकसभा सीटों पर भी उसे हार मिली है। इसके साथ ही पार्टी का वोट शेयर भी इस बार गिरा है।

राजनीतिक दल2019 में मिली सीटें2024 में मिली सीटें
बीजेपी118
कांग्रेस12
झामुमो13
आजसू11

झामुमो और कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का गिरा

राजनीतिक दल 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में)2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में)
बीजेपी 50.96 44.60
कांग्रेस 15.6319.19
झामुमो11.5114.60

बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाएगी बीजेपी

झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए विधानसभा की 28 सीटें आरक्षित हैं। बीजेपी की कोशिश आरक्षित सीटों में से अधिक से अधिक सीटें जीतने की है। इसके लिए पार्टी ने रणनीति बनाई है कि वह बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारेगी।

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी राज्य में आदिवासी समुदाय के बड़े चेहरे झारखंड में बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, सुनील सोरेन और सुदर्शन भगत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन, रांची की पूर्व मेयर आशा लाकड़ा को बीजेपी विधानसभा का चुनाव लड़ा सकती है।

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आदिवासी वोटों पर कब्जे की है लड़ाई। (Source-FB)

उद्धव को बताया औरंगजेब फैन क्लब का नेता

एक और चुनावी राज्य महाराष्ट्र में भी ऐसा कुछ दिन पहले देखने को मिला था जब चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी को औरंगजेब फैन क्लब बताया था और शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को औरंगजेब फैन क्लब का नेता कहा था।

हरियाणा में बोले शाह- ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को दे देगी कांग्रेस

16 जुलाई को जब अमित शाह हरियाणा गए थे तब उन्होंने बीजेपी के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस अगर हरियाणा में सरकार बनाने में कामयाब रही तो पिछड़े समुदाय का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दे देगी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने कर्नाटक में पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे दिया है। हरियाणा में मुस्लिम समुदाय की आबादी 7-8% है।

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को घेरने के लिए इसी तरह के बयान दिए थे। उस दौरान हुई चुनावी जनसभाओं में बीजेपी ने ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले, मंगलसूत्र छीने जाने और घुसपैठियों का मुद्दा उठाया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ये सभी मुद्दे बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा थे, जिसके तहत उसने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए चुनाव में मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में उसकी 63 सीटें कम हुई थी और वह एनडीए के दम पर जैसे-तैसे तीसरी बार सरकार बना सकी है। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सीटें कम हुई हैं।