हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को इस बात का पूरा भरोसा है कि राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और उनके नेता ही मुख्यमंत्री बनेंगे। हरियाणा में झज्जर, सोनीपत, रोहतक और हिसार जिलों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सियासी असर साफ दिखाई देता है। हुड्डा 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे हैं और वर्तमान में विपक्ष के नेता हैं। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से सांसद हैं। दीपेंद्र चार बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।

विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हुड्डा जहां-जहां जाते हैं उनके समर्थक भावी मुख्यमंत्री कहकर जिंदाबाद का नारा लगाते हैं। हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 8 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी।

हुड्डा-सैलजा में टकराव से नेतृत्व परेशान

इस बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा के बीच तनातनी की खबरें भी सोशल मीडिया से लेकर टीवी-अखबारों तक में छाई हुई हैं और इससे कांग्रेस नेतृत्व निश्चित रूप से घबराया हुआ है।

कुमारी सैलजा पिछले कुछ महीनों में कई बार मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश जता चुकी हैं। हरियाणा कांग्रेस के एक और नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला भी सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। ऐसे में पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री बनने को लेकर लड़ाई जरूर है लेकिन हुड्डा इस मामले में अपने सियासी विरोधियों पर काफी भारी दिखाई पड़ते हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब झज्जर जिले के बादली इलाके में चुनाव प्रचार करने पहुंचते हैं तो इस सीट से उम्मीदवार कुलदीप वत्स चुनावी सभा में हुड्डा को हरियाणा का मुख्यमंत्री कहकर संबोधित करते हैं। इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोगों से कहते हैं कि आप कुलदीप वत्स को विधायक बना दो, मैं तुम्हारी सरकार बना दूंगा।

किसी नेता को नहीं बनाया चेहरा

कांग्रेस नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रही लड़ाई को देखते हुए ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने हरियाणा में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया क्योंकि पार्टी को इस बात का पता था कि ऐसा करते ही पार्टी में घमासान छिड़ जाएगा और चुनाव में इसका नुकसान होगा। हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में रहे हैं और पार्टी ने अपनी सीटों के साथ ही वोट शेयर में भी अच्छा इजाफा किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का हरियाणा में खाता भी नहीं खुला था।

राजनीतिक दललोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 28.51 43.6705
बीजेपी 58.2146.11 105

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने टिकट वितरण में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी अहमियत दी है। हरियाणा के 90 में से 70 से 72 सीटों पर हुड्डा के समर्थकों को टिकट मिले हैं। लोकसभा चुनाव में भी हुड्डा की पसंद पर ही ज्यादातर टिकट दिए गए थे और रोहतक, सोनीपत, हिसार की सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।

…अबकी बार हुड्डा सरकार

आरक्षित सीट झज्जर में कांग्रेस ने मौजूदा विधायक गीता भुक्कल को फिर से टिकट दिया है। उन्होंने अपने चुनाव दफ्तर के बाहर पार्टी का विशालकाय पोस्टर लगाया है। पोस्टर में लिखा है अबकी बार हुड्डा सरकार। 20 सितंबर को सोनीपत के बरोदा में हुई चुनावी रैली में कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री होंगे। उसी दिन गोहाना और सफीदों हलकों में हुई रैली में भी सोनीपत से कांग्रेस के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने हुड्डा को पूर्व और भविष्य का मुख्यमंत्री बताया। हुड्डा समर्थकों ने हरियाणा में कई जगहों पर अबकी बार हुड्डा सरकार के बैनर लगाए हैं।

…99% निश्चिंत हैं हुड्डा बनेंगे सीएम

हुड्डा को मुख्यमंत्री का चेहरा क्यों बताया जा रहा है? इस बारे में झज्जर में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मनोज कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर कांग्रेस को चुनाव में बहुमत हासिल होता है तो हम 99% निश्चिंत हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही हरियाणा के मुख्यमंत्री होंगे। बाकी सब पार्टी नेतृत्व के हाथ में है और वह चुनाव के बाद इस संबंध में फैसला लेगा।

सोनीपत में कांग्रेस के एक नेता कहते हैं कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा के बाद कुमारी सैलजा तीसरे नंबर की नेता हैं। कांग्रेस नेता के मुताबिक, वह प्रमुख दलित नेता हैं लेकिन उनका प्रभाव सिरसा के कुछ इलाकों तक ही सीमित है जबकि हुड्डा का कई इलाकों में प्रभाव है और वह ज्यादा लोकप्रिय हैं।

सैलजा की नाराजगी की जोरदार चर्चा

हरियाणा कांग्रेस में कुमारी सैलजा की नाराजगी को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। कुमारी सैलजा 12 सितंबर से पार्टी के चुनाव कार्यक्रमों में नहीं दिखाई दी हैं और उनकी नाराजगी को बीजेपी ने भी मुद्दा बनाया है। रविवार शाम को कुमारी सैलजा ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी और उन्हें बताया था कि किस तरह उन्हें और पार्टी के अन्य नेताओं को नजरअंदाज किया गया है। राज्यसभा के सांसद रणदीप सुरजेवाला का दावा है कि कुमारी सैलजा 26 अक्टूबर से चुनाव प्रचार करेंगी।

अन्य जातियों को भी मौका दे कांग्रेस

हरियाणा में कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के समर्थक भी अपने नेता को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं और वे सवाल पूछते हैं कि हर बार हुड्डा ही क्यों? वे कहते हैं कि जिस तरह बीजेपी ने हरियाणा में गैर जाट मुख्यमंत्री दिया है, ऐसा ही कांग्रेस को भी करना चाहिए क्योंकि यादव, दलित, राजपूत और सैनी जैसी तमाम जातियों के लोग भी कांग्रेस को वोट देते हैं और उन्हें भी जाट समुदाय के बराबर ही मौका दिया जाना चाहिए।