28 नवंबर को सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद सफलतापूर्वक बचा लिया गया। बचाव अभियान के बाद से सोशल मीडिया पर टनल से बाहर निकले मजदूरों की कई तस्वीरें और बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। इन तस्वीरों के बीच खास तौर पर एक तस्वीर को असली बताकर खूब शेयर किया गया। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाई गई है।
क्या वायरल हो रहा है?
क्रिकेटर सुरेश रैना ने वायरल तस्वीर अपने ट्विटर प्रोफाइल पर शेयर की है।
अन्य यूजर्स भी यही तस्वीर शेयर कर रहे हैं।
कैसे हुई पड़ताल?
हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च में डालकर अपनी जांच शुरू की। हैरानी की बात यह है कि हमें गूगल पर इससे जुड़ा कुछ नहीं मिला। फिर हमने तस्वीर को डाउनलोड कर उसे जूम कर देखा, तो फोटों में कुछ विसंगतियां नजर आईं। उदाहरण के लिए, तस्वीर में दिख रहे कुछ पुरुषों की पांच से अधिक उंगलियां थीं। बैकग्राउंड भी कुछ अजीब सा दिखा।

ये कुछ बुनियादी गलतियां हैं, जो AI तस्वीर बनाते हुए करता है। इसके बाद हमने तस्वीर को एआई डिटेक्टर ‘हाइव मॉडरेशन’ में अपलोड किया। हाइव मॉडरेशन ने बताया कि 99.9% संभावना है कि फोटो को एआई से बनाया गया है।

हमें एएनआई समाचार एजेंसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बचाए गए मजदूरों की असली तस्वीर भी मिली।
निष्कर्ष: उत्तरकाशी के सुरंग से बचाए गए 41 मजदूरों की वायरल तस्वीर असली नहीं है, वह एआई निर्मित है। असली तस्वीर एएनआई ने शेयर की है।