लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति बिजली विभाग के अधिकारियों का विरोध करता हुआ दिखाई दे रहा था। दावा किया गया कि यह घटना भारत की है। वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर किया जा रहा था। जाँच के दौरान हमने पाया कि वीडियो भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है।
दावा:
X यूजर जितेन्द्र प्रताप सिंह ने वायरल दावे के साथ अपने प्रोफ़ाइल पर वीडियो शेयर किया।
दावे का आर्काइव वर्जन देखें।
https://archive.ph/WR4zk
अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।
हमें गुलिस्तान-ए-जौहर, कराची पर अपलोड किया गया वीडियो मिला। वीडियो 30 जून, 2021 को अपलोड किया गया था, जिससे पता चलता है कि वीडियो पुराना है।
हमें ट्रेंड्स पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल पर 2020 में एक्स पर अपलोड किया गया वीडियो भी मिला।
हमें यह वीडियो कई अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर भी मिला, जिससे पता चलता है कि यह वीडियो कराची, पाकिस्तान का है।
निष्कर्ष: बिजली चोरी को लेकर हुई लड़ाई का पुराना वीडियो पाकिस्तान का है, भारत का नहीं। वायरल दावा भ्रामक है।