केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है, जिससे मान्यता प्राप्त शास्त्रीय भाषाओं की संख्या बढ़कर ग्यारह हो गई है। इसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के नाम से एक बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस बयान में कहा गया है कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद ठाकरे ने उर्दू भाषा के लिए भी यही दर्जा मांगा है।
जांच के दौरान हमने पाया कि एबीपी का ग्राफिक एडिटेड है। वायरल दावा झूठा है।
क्या है दावा?
फेसबुक यूजर वैभव चोरे पाटिल ने अपनी प्रोफाइल पर एबीपी का एडिटेड ग्राफिक शेयर किया है।
अन्य उपयोगकर्ता भी यही पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
पहली चीज़ जो हमने ग्राफ़िक पर देखी वह ‘एबीपी माज़ा’ का लोगो थी। ग्राफ़िक पर टेक्स्ट था, “मराठी भाषेला अभिजात भाषेचा दर्जा मिळाला तसाच उर्दू भाषेलाही अभिजात भाषेचा दर्जा देण्यात यावा, हि आमची मागणी आहे.”
अनुवाद: हमारी मांग है कि जिस तरह मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला है, उसी तरह उर्दू भाषा को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए।
इसके बाद हमने जांच की कि क्या उद्धव ठाकरे ने ऐसा कोई बयान दिया है, हमें इस बारे में कोई समाचार रिपोर्ट नहीं मिली और फिर हमने ABP माझा के सोशल मीडिया हैंडल की जांच की।
इसके बाद हमने ग्राफिक में इस्तेमाल की गई उद्धव ठाकरे की तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च की तो हमें X पर एक पोस्ट मिली।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि ग्राफिक 2022 का है, लेकिन पोस्ट टेम्प्लेट बिल्कुल वैसा ही था।
हमने यह भी पाया कि हाल ही में ABP माझा के X हैंडल पर उद्धव ठाकरे की एक ऐसी ही तस्वीर के साथ उसी टेम्प्लेट का इस्तेमाल किया गया था।
यह पोस्ट 18 मई, 2024 को की गई थी।
झूठा का सहारा लेती है बीजेपी: प्रियंका
जांच के अगले चरण में हमने राज्यसभा सांसद और शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “झूठ और फर्जी फोटोशॉप्ड ट्वीट करना बीजेपी की पुरानी चाल है। उन्हें पता होना चाहिए कि उनके झूठ पकड़े जाएंगे। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद कोई उम्मीद कर सकता है कि उनके पास दिखाने के लिए अपना काम होगा, लेकिन कोई काम न होने के कारण वे इस तरह के झूठ का सहारा लेते हैं!” उन्होंने पुष्टि की कि पोस्ट गलत है।
उर्दू एक शास्त्रीय भाषा नहीं है जैसा कि इन पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने दावा किया है। भारत में ग्यारह शास्त्रीय भाषाएँ हैं- तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओडिया, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली।
निष्कर्ष: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के नाम से वायरल ग्राफिक एडिटेड है। उन्होंने उर्दू को भारत की शास्त्रीय भाषा बनाने के बारे में कोई बयान नहीं दिया। वायरल दावा झूठा है।