लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल एक पोस्ट मिली, जिसमें दावा किया गया कि रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ बसें भेट स्वरुप दी हैं। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा झूठा है।
क्या वायरल हो रहा है?
इंस्टग्राम यूजर Aditya Creator ने अपनी प्रोफाइल पर एक रील पोस्ट की है, जिसमें बताया गया कि रतन टाटा ने हाल ही में भारतीय सेना के लिए बुलेट और बम प्रूफ बसें बनाई हैं।
अन्य यूजर्स भी इसी दावे के साथ पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
कैसे हुई पड़ताल?
हमने अपनी जांच दी गई तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च करके शुरू की। रिवर्स इमेज सर्च से हमें एक फेसबुक पोस्ट मिली।

इस पोस्ट में बताया गया है कि MIDHANI समूह की बख्तरबंद बस को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को सौंप दिया गया है। यह पोस्ट 9 सितंबर 2017 को किया गया था।
हमने एक्स (पहले ट्विटर) पर कीवर्ड से भी सर्च किया। इससे हमें कुछ पोस्ट मिलें, जिनमें सीआरपीएफ के आधिकारिक हैंडल से किए पोस्ट भी शामिल हैं।
हमें और एक ट्वीट मिला जो मिधानि ग्रुप के CMD ने किया था।
पोस्ट में बताया गया है कि एक भाभा कवच जो हल्के वजन की बुलेट जैकेट है, उसे भी मिधानी ने सीआरपीएफ को सौंप है। पोस्ट 2017 में शेयर किया गया था। हमने ईमेल के जरिए टाटा ट्रस्ट से संपर्क किया है, जवाब मिलने पर फैक्ट चेक कॉपी अपडेट कर दी जाएगी।
निष्कर्ष: रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ़ बस उपहार में नहीं दी है। वायरल तस्वीर मिधानी समूह की बख्तरबंद बस की है। साल 2017 में मिधानी ग्रुप ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को बख्तरबंद बस सौंपी थी।