अंकिता देशकर

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बुर्का पहने महिलाओं को भारतीय ध्वज लेकर चलते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा था कि फिलिस्तीन के मुसलमान भारतीय तिरंगे का इस्तेमाल कर गाजा के निकलने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि इजरायल तिरंगे को देखकर हमला नहीं कर रहा है। हालांकि लाइटहाउस जर्नलिज्म ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो का हालिया हमास-इजराय युद्ध से कोई संबंध नहीं है।

क्या वायरल हो रहा है?

ट्विटर यूजर Shalini Kumawat ने वायरल वीडियो को अपनी वॉल पर शेयर किया है।

अन्य यूजर्स भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़लात?

हमने सबसे पहले वीडियो को InVid टूल में अपलोड किया। इससे वीडियो के कई कीफ्रेम मिल गए। एक-एक कर फ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च में डाला। हमें ‘फहीम जाफरी’ नाम के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो का टाइटल है: कर्बला IN अरबीन वॉक 2023

हमें यह वीडियो जवाद हुसैन की इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भी मिला। हुसैन ने वीडियो का कैप्शन लिखा है- अरबीन वॉक 2023।

इसके बाद हमने गूगल पर ‘कर्बला अरबीन 2023’ सर्च किया। हमें अल जजीरा पर एक रिपोर्ट मिली। अल जजीरा ने अपनी फोटो रिपोर्ट को हेडलाइन दिया है- Photos: Arbaeen, one of the world’s largest annual pilgrimages in Iraq

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हमें शफकना वेबसाइट पर एक स्टोरी भी मिली, जिसमें बताया गया है कि अब तक अरबईन 2023 के लिए लगभग 3.6 मिलियन तीर्थयात्री इराक में प्रवेश कर चुके हैं।

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एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत से एक लाख से अधिक शिया मुसलमान अरबईन के लिए कर्बला जा चुके हैं।

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हमें एक वीडियो भी मिला जिसमें अरबाईन वॉक 2023 के दौरान भारतीयों को तिरंगे के साथ चलते हुए दिखाया गया है।

निष्कर्ष: इराक के अरबईन वॉक 2023 में भारतीयों के चलने का पुराना वीडियो इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है कि फिलिस्तीनी मुसलमान गाजा से भागने के लिए भारतीय ध्वज का इस्तेमाल कर रहे हैं। वायरल दावे फर्जी है।