अंकिता देशकर
लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया वायरल एक पत्र मिला, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। पड़ताल करने पर वायरल दावा फर्जी निकला।
क्या वायरल हो रहा है?
एक्स यूजर, Jeetu Burdak ने All India Congress Volunteers Committee के नाम से एक पत्र शेयर किया है।
अन्य यूजर्स भी इसी दावे के साथ पत्र शेयर कर रहे हैं।
कैसे हुई पड़ताल?
हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत ऑल इंडिया कांग्रेस वालंटियर्स कमेटी के नाम से शेयर किए जा रहे लेटर को ध्यान से देखकर की। पत्र पर पता लिखा था, ’10, डाउनिंग स्ट्रीट, नई दिल्ली’। इसके अलावा, हमने जो देखा वह यह था कि पत्र में कोई विराम चिह्न नहीं था, ख़राब व्याकरण था और किसी के हस्ताक्षर के बिना यह पत्र जारी किया गया था।
यह पत्र ‘All India Congress Volunteers Committee’ के लेटरहेड पर बनाया गया था। हमने उनके प्रोफ़ाइल की जांच की और यह पत्र हमें AICVC के प्रोफ़ाइल पर मिला।
हमें एक्स यूजर प्रशांत कुमार का एक पोस्ट मिला, जिसमें बताया गया था कि पत्र एआईसीसी का आधिकारिक पत्र नहीं है। इसे कथित कांग्रेस स्वयंसेवकों द्वारा बनाया और प्रसारित किया गया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पड़ताल के अगले चरण में हमने फोन पर आचार्य प्रमोद कृष्णम के सचिव ऋषभ दुबे से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि आचार्य प्रमोद कृष्णम जी का निलंबन का वायरल पत्र फर्जी है और कांग्रेस पार्टी में कोई ‘सीवीसी’ कमेटी नहीं है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और कहा था कि पीएम को दैवीय शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है। इसके बाद 4 फरवरी को उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंंह से भी मुलाकात की।
निष्कर्ष: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के निलंबन का वायरल पत्र फर्जी है। उन्हें कांग्रेस पार्टी से निलंबित नहीं किया गया है।