लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की जा रही एक तस्वीर मिली, जिसमें एक पुल की हालत बहुत खराब थी और उस पर जाली लगी भी दिख रही थी। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा था कि जीर्ण-शीर्ण पुल भारत का है, कुछ पोस्ट में यह भी दावा किया गया कि पुल 2014 के बाद बना है।

जाँच के दौरान हमने पाया कि तस्वीर बांग्लादेश की है, भारत की नहीं।

क्या है दावा?

X यूजर आकिब अनवर ने अपने हैंडल पर तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया।

पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।

https://archive.ph/jL4VD

अन्य यूजर भी भ्रामक दावे के साथ तस्वीर शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने इमेज पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

हमें dailyswadhinbangla.com वेबसाइट पर एक लेख में एक समान इमेज मिली।

रिपोर्ट का शीर्षक (अनुवाद) था: अमताली का कनेक्शन पुल मौत के जाल जैसा है

रिपोर्ट 19 फरवरी, 2022 को प्रकाशित हुई थी। इसमें उल्लेख किया गया था: बरगुना के अमताली उपजिला के चावरा और हल्दिया यूनियनों को जोड़ने वाला लोहे का पुल खस्ताहाल हो गया है। पुल टूट गया है। दोनों यूनियनों के 15 हजार लोगों को इस खतरनाक पुल को पार करने के लिए हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है।

हमने पाया कि समाचार रिपोर्ट में उल्लिखित क्षेत्र बांग्लादेश में हैं।

हमें वेबसाइट thedailystar.net पर भी जर्जर पुल की तस्वीर मिली।

हमें वेबसाइट mzamin.com पर भी पुल की तस्वीर मिली।

रिपोर्ट का शीर्षक था: अमताली में 19 खतरनाक पुल, लाखों लोग डरे हुए हैं।

रिपोर्ट जून, 2024 में प्रकाशित हुई थी। इसी तरह जुलाई 2024 में kalerkantho.com में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट में भी ऐसी ही तस्वीर शेयर की गई थी, जिसे भारत के एक पुल का बताकर खूब शेयर किया जा रहा है।

निष्कर्ष: बांग्लादेश के जीर्ण-शीर्ण पुल की तस्वीर को भारत का बताकर गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।