इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने में दूसरे नंबर पर रही मेघा इंजीनियरिंग समूह जिस वक्त चुनावी बॉन्ड खरीद रही थी, उसी वक्त ट्रस्ट के जरिए भी पार्टियों को मोटा चंदा दे रही थी। चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी का विश्लेषण करने पर यह पता चलता है। कंपनी महीने दर महीने करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद रही थी। उस महीने भी खरीदा जिस महीने इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए चंदा दिया।
हमने साल 2022-23 के दौरान केवल एक चुनावी ट्रस्ट (प्रूडेंट ट्रस्ट) के जरिए राजनीतिक पार्टियों को दिए चंदे के आंकड़े की छानबीन की। प्रूडेंट ट्रस्ट की सालाना ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज जानकारी की पड़ताल से पता चला कि 2022-23 में 17 जून, 2022 से 19 मार्च, 2023 के बीच प्रूडेंट ट्रस्ट ने 26 बार में पांच पार्टियों को 363 करोड़ 15 लाख रुपए दिए।
सबसे ज्यादा (17) बार बीजेपी के खाते में रकम ट्रांसफर की गई। इस दौरान बीजेपी को 256 करोड़ 25 लाख रुपए दिए गए।
वायआरएस कांग्रेस को चार बार, आम आदमी पार्टी (आप) को दो बार और बीआरएस को दो बार रकम ट्रांसफर की गई। 7 जुलाई, 2022 को एक बार 75 करोड़ रुपए टीआरएस को भी ट्रांसफर किए गए थे।
बता दें कि कॉरपोरेट्स को ट्रस्ट के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिए जाने की व्यवस्था साल 2013 में बनी थी। प्रूडेंट ट्रस्ट भी तभी बनाया गया था। ट्रस्ट के जरिए चंदा किसने दिया और किसे दिया, यह बात चुनाव आयोग को सौंपी जाने वाली सालाना ऑडिट रिपोर्ट के जरिए सार्वजनिक हो जाती है।
प्रूडेंट ट्रस्ट से 2022-23 में किस पार्टी को कितनी बार ट्रांसफर हुई रकम
बीजेपी- 17 बार
वायरआरएस कांग्रेस- 4 बार
आप- दो बार
बीआरएस- दो बार
टीआरएस- एक बार
प्रूडेंट ट्रस्ट को 2022-23 में कितना मिला चंदा
प्रूडेंट ट्रस्ट को 25 जून, 2022 से 28 मार्च, 2023 के बीच 42 बार में 363 करोड़ 16 लाख रुपए प्राप्त हुए थे। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने चार बार में 87 करोड़ रुपए दिए थे। इनमें से 75 करोड़ तो दो दिन (6 और 7 जुलाई) में ही दिए गए थे। बाकी 12 करोड़ 15 नवंबर को दिए गए थे।
जिस जुलाई में मेघा इंफ्रा ने प्रूडेंट ट्रस्ट को 75 करोड़ राजनीतिक चंदा देने के लिए दिए, उसी महीने 50 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड भी खरीदे। 125 करोड़ का यह चंदा 5 से 8 जुलाई (2022) के बीच दिया गया।
मेघा इंफ्रा ने प्रूडेंट ट्रस्ट को | |
कितना दिया (रुपए में) | कब दिया |
25,00,00,000 | 05.07.2022 |
25,00,00,000 | 05.07.2022 |
25,00,00,000 | 06.07.2022 |
12,00,00,000 | 15.11.2022 |

माह-दर-माह इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे
मेघा इंजीनियरिंंग ने 5 और 8 जुलाई 2022 को 25-25 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। फिर उसी साल 10 अक्तूबर को भी दस करोड़ के बॉन्ड खरीदे। 14 नवंबर, 2022 को मेघा ने फिर 12 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड लिए। 12 दिसंबर को 56 करोड़ और 27 जनवरी, 2023 को भी कंपनी की ओर से 40 करोड़ का चुनावी बॉन्ड खरीदा गया।
मेघा इंजीनियरिंग ने अप्रैल 2019 से नवंबर 2023 के बीच कुल 1232 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग के जरिए सार्वजनिक हुई जानकारी के मुताबिक यह ग्रुप इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की सूची में ऊपर से दूसरे नंबर पर (फ्यूचर गेमिंग के बाद) है।
मेघा समूह करीब 35 वर्षों में 40000 करोड़ की कंपनी बन गई है। 1989 में 4-5 लोगों के साथ शुरू हुई इस कंपनी में आज दो लाख के करीब लोग काम कर रहे हैं।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MIEL) के प्रोमोटर पीपी रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी (चाचा-भतीजा) की कुल संपत्ति 2023 में 4.05 अरब डॉलर थी और वे फोर्ब्स की लिस्ट में 54वें नंबर के अमीर भारतीय थे। 2021 में इनकी संपत्ति 2.7 अरब डॉलर थी, जबकि अगले ही साल 4.1 अरब डॉलर हो गई थी।
भाजपा को कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी से मिला 52.5 करोड़ का चंदा

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 2022 में प्रूडेंट ट्रस्ट को 17 दिन के भीतर 52.5 करोड़ रुपए का राजनीतिक चंदा दिया था। प्रूडेंट ने सारा पैसा बीजेपी को ट्रांसफर कर दिया था। (विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)