चुनाव आयोग ने जब हरियाणा में मतदान और नतीजे की तारीख में बदलाव किया तो विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आयोग ने बीजेपी के इशारे पर ऐसा किया है। हरियाणा में मतदान की नई तारीख 5 अक्टूबर है और 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे जबकि पहले यह तारीख क्रमश: 1 और 4 अक्टूबर थी।

चुनाव की तारीखों को बदलने की मांग बीजेपी, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा की ओर से की गई थी।

इसके पीछे बिश्नोई समुदाय के धार्मिक कार्यक्रमों का हवाला दिया गया था। बीजेपी ने चुनाव आयोग से अन्य कारणों के अलावा असोज अमावस्या का जिक्र किया था और कहा था कि इस वजह से मतदान पर असर पड़ सकता है।

अहीरवाल में है राव इंद्रजीत सिंह का असर। (Source-FB)

300 साल पुराना है असोज अमावस्या त्योहार

चुनाव आयोग का कहना है कि यह फैसला बिश्नोई समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के द्वारा उससे मिलकर रखी गई मांग की वजह से लिया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि बिश्नोई समुदाय के लोगों को 300 साल पुराने असोज अमावस्या त्योहार में भाग लेने के लिए बीकानेर जाना है और इसमें हरियाणा के तीन जिलों सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के लोग शामिल होंगे।

चुनाव आयोग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इन तीनों जिलों के डिप्टी कमिश्नर से बातचीत की। इन जिलों में बिश्नोई समुदाय की ठीक-ठाक आबादी है और इसके बाद यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई।

बिश्नोई समुदाय के लाखों लोग जाएंगे बीकानेर

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समुदाय के लाखों सदस्य असोज अमावस्या महोत्सव में भाग लेने के लिए बीकानेर जाएंगे। उन्होंने बताया कि बिश्नोई समुदाय के लिए यह बेहद शुभ मौका है और साल में दो बार यह महोत्सव आयोजित होता है।

पहली बार फरवरी मार्च और दूसरी बार सितंबर-अक्टूबर में और इसकी सही तिथि हिंदू कैलेंडर पर निर्भर करती है। बिश्नोई समुदाय के लाखों लोग राजस्थान में मुक्तिधाम मुकाम पर इकट्ठे होते हैं। बिश्नोई ने बताया कि यह बहुत ही पवित्र जगह है। बिश्नोई समुदाय के संस्थापक गुरु जंभेश्वर की समाधि यहां पर बनाई गई है।

टिकट बंटवारे के बाद बढ़ेगा घमासान? (Source- FB)

इस त्योहार को मनाने के लिए बिश्नोई समुदाय के लोग दो दिन तक यहीं रहेंगे। बिश्नोई ने बताया कि यहां दो मंदिर हैं, जहां पर हम प्रार्थना करेंगे और देश भर से आए हमारे पूज्य संत अपने धार्मिक उपदेश देंगे। इस दौरान पूजा, हवन और यज्ञ भी किए जाएंगे।

चुनाव आयोग का कहना था कि इस वजह से हरियाणा में बहुत सारे लोगों का वोटिंग का अधिकार छिन सकता है।

पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी को मिली थी 10 सीटें। (Source-FB)

पहले भी किया गया तारीखों में बदलाव

इससे पहले 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में गुरु रविदास जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों में पंजाब से उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों को देखते हुए चुनाव आयोग ने तारीखों में बदलाव किया था। 2022 में मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन रविवार होने के चलते चुनावी तिथि को बदल दिया गया था क्योंकि इस दिन ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाते हैं।

2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों में भी देवउठनी एकादशी के चलते बदलाव किया गया था।