नेटफ्लिक्स पर आई एक वेब सीरीज IC 814 The Kandahar Hijack सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी चर्चा में है। इसमें 24 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक किए जाने के बारे में बताया गया है। नेपाल से उड़े विमान को आतंकी काठमांडू से अमृतसर और लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। इस खबर में हम बात करेंगे कि अफगानिस्तान के इस शहर कंधार का क्या महाभारत से किसी तरह का कोई कनेक्शन है? क्या इसका नाम पहले गांधार था?
गांधार शब्द का उल्लेख ऋग्वेद, उत्तर रामायण और महाभारत में मिलता है। गंध शब्द का अर्थ है- खुशबू इसलिए गांधार का अर्थ हुआ सुगंधों की धरती।
ऐसा कहा जाता है कि गांधार भगवान शिव का एक नाम है और ऐसा सहस्त्रनाम में कहा गया है कि यह भगवान कृष्ण को महाभारत में ऋषि उपमन्यु से मिला था।
यही बात युधिष्ठिर, भीष्म और कुरू वंश के अन्य सदस्यों को भी बताई गई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव के भक्त गांधार के पहले निवासी थे। लोगों का ऐसा भी विश्वास है कि उत्तर-पश्चिमी पंजाब भी कभी गांधार का हिस्सा था।
महाभारत में भी मिलता है गांधार साम्राज्य का उल्लेख
ऋषि वेदव्यास द्वारा लिखे गए ग्रंथ महाभारत में भी गांधार साम्राज्य का उल्लेख मिलता है। इसके मुताबिक, राजा सुबाला ने गांधार पर लगभग 5500 साल तक शासन किया था। उनकी एक बेटी थी जिसका नाम गांधारी था और उसकी शादी हस्तिनापुर शासन के राजा धृतराष्ट्र से हुई थी।
गांधारी का एक भाई भी था जिसका नाम शकुनि था और अपने पिता की मृत्यु के बाद वह गांधार का राजा बना। महाभारत से यह भी पता चलता है कि गांधारी ने 100 बच्चों को जन्म दिया था जिन्हें कौरव कहा गया।
यह जानकारी भी सामने आती है कि महाभारत के युद्ध में पांडवों से बुरी तरह हारने के बाद कौरवों के कई वंशज गांधार में बस गए थे और धीरे-धीरे वे इराक और सऊदी अरब में चले गए।
गांधार को बताया बहादुरों की धरती
वैदिक मैनेजमेंट टीचर यू. महेश प्रभु और वैदिक विद्वान डॉ. डेविड फ्रॉली बताते हैं कि प्राचीन अर्थशास्त्र के कौटिल्य संस्करण में गांधार को मौर्य राजवंश की भूमि की ‘सबसे पश्चिमी सीमा’ के रूप में बताया गया है। व्यास ने आदिपर्व में गांधार का उल्लेख लंबे, ताकतवर और बहादुरों की धरती के रूप में किया है। यह भी कहा गया है कि भीष्म ने जब गांधार की घेराबंदी की तो यह जमीन हस्तिनापुर के अधिकार में आ गई।
कुरु के पोते भीष्म का यह एक कूटनीतिक कदम था जिस वजह से धृतराष्ट्र का विवाह शांति समझौते के तहत गांधारी से हुआ था।
गांधार कैसे कंधार बन गया?
ऐसा माना जाता है कि कंधार नाम “इस्कंदर” से बना है, जो अलेक्जेंडर नाम का फ़ारसी रूप है और यह शब्द अलेक्जेंडर द ग्रेट के बारे में है। स्थानीय बोलियों में, “इस्कंदर” को कभी-कभी “स्कैंडर” के रूप में भी बोला जाता था और समय बीतने के साथ यह “कैंडर” और फिर बाद में “कंधार” में बदल गया।
पुर्तगाली इतिहासकार जोआओ डी बैरोस ने अपनी किताब Décadas da Ásia में इस बारे में बताया है।