Gurmeet Ram Rahim Singh Parole 2024: डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के बाहर आने पर इस बार भी काफी शोर और हलचल है। इसके पीछे वजह यह है कि हरियाणा में मतदान की तारीख नजदीक (5 अक्टूबर) है। इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसा हुआ है जब हरियाणा, पंजाब या राजस्थान में चुनाव थे और गुरमीत राम रहीम सिंह को जेल से पैरोल या फरलो के जरिये रिहाई मिल गई।
ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि आखिर चुनाव के मौके पर डेरा प्रमुख को जेल से रिहाई क्यों दे दी जाती है? सोशल मीडिया से लेकर टीवी-अखबारों में भी इसे लेकर काफी चर्चा है कि हरियाणा में मतदान से ठीक पहले गुरमीत राम रहीम सिंह जेल से बाहर कैसे आ गया?
कांग्रेस ने किया पैरोल का विरोध
हरियाणा में सरकार बनाने का दावा कर रही कांग्रेस ने गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने का विरोध किया है और इस मामले में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है। कांग्रेस ने कहा है कि राम रहीम चुनाव को प्रभावित कर सकता है इसलिए उसे पैरोल नहीं ना दी जाए। पैरोल के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह 20 दिन तक उत्तर प्रदेश के बागपत में ही रहेगा।
जेल में क्यों है डेरा प्रमुख राम रहीम?
गुरमीत राम रहीम सिंह अपने आश्रम की दो महिला शिष्यों के साथ दुष्कर्म के आरोप में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। इन दिनों वह हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में है। उसे साल 2017 में सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा डेरा प्रमुख और तीन अन्य लोगों को 2019 में एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया था।
किस-किस चुनाव के आसपास हुई राम रहीम की रिहाई
कब रिहा हुआ | कितने दिन के लिए रिहा हुआ | रिहाई के वक्त कहां थे चुनाव |
7 फरवरी, 2022 | 21 | पंजाब विधानसभा चुनाव (फरवरी 2022) |
17 जून, 2022 | 30 | हरियाणा में निकाय चुनाव |
15 अक्टूबर, 2022 | 40 | आदमपुर उपचुनाव |
21 जनवरी, 2023 | 40 | हरियाणा पंचायत चुनाव |
20 जुलाई, 2023 | 30 | हरियाणा पंचायत चुनाव |
21 नवंबर, 2023 | 21 | राजस्थान विधानसभा चुनाव |
20 जनवरी, 2024 | 50 | लोकसभा चुनाव |
13 अगस्त, 2024 | 21 | हरियाणा विधानसभा चुनाव |
1 अक्टूबर, 2024 | 20 | हरियाणा विधानसभा चुनाव |
गुरमीत राम रहीम सिंह की ताजा पैरोल को लेकर सवाल उठता है कि क्या इससे किसी राजनीतिक दल को चुनाव में फायदा मिल सकता है? इसके लिए डेरा प्रमुख की सियासी हैसियत और असर के बारे में जानना जरूरी होगा।
Ram Rahim Parole: राम रहीम को जेल से बाहर आने की मिली इजाजत, इन शर्तों को मानना जरूरी
सिरसा में है डेरे का मुख्यालय
डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा जिले में है। सिरसा जिला पंजाब से सटा हुआ है। हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और हिसार के इलाकों में गुरमीत राम रहीम सिंह के समर्थकों की बड़ी संख्या है। पंजाब में भी डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है। 117 सीटों वाले पंजाब में 50 से 60 सीटों पर डेरे के समर्थकों का असर माना जाता है।
बीजेपी का समर्थन कर चुका है डेरा
पिछले कुछ चुनावों में डेरा सच्चा सौदा ने बीजेपी का समर्थन किया है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के 40 उम्मीदवारों को लेकर सिरसा में डेरा मुखी से आशीर्वाद लेने गए थे। इसके बाद डेरे की ओर से बीजेपी का समर्थन किया गया था। चुनाव में जीत मिलने के बाद भी विजयवर्गीय अपने 18 विधायकों के साथ गुरमीत राम रहीम सिंह का धन्यवाद अदा करने के लिए गए थे।
2017 में जब गुरमीत राम रहीम सिंह को सजा हुई थी तो उससे पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार के कई मंत्री गुरमीत राम रहीम सिंह के डेरे में उससे आशीर्वाद लेने के लिए जाते थे। उस दौरान करनाल में एक कार्यक्रम में गुरमीत राम रहीम सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मंच पर दिखाई दिया था।
हरियाणा के पूर्व जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राम रहीम की पैरोल और फरलो का समर्थन किया है और कहा है कि डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो देते समय किसी भी तरह का कोई नियम नहीं तोड़ा गया है।
कांग्रेस-बीजेपी दोनों लगा रहे पूरी ताकत
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद राज्य में सरकार बनाने की लड़ाई बहुत आक्रामक हुई है क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है और कांग्रेस को जबरदस्त फायदा हुआ है। विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने अग्निवीर योजना, बेरोजगारी, खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और संविधान और आरक्षण पर हमला किए जाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। हालांकि कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर दिग्गज नेताओं के बीच चल रही लड़ाई से भी जूझ रही है।
हरियाणा में पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार है। पिछले कुछ चुनावों में डेरे की ओर से जिस तरह का समर्थन बीजेपी को मिला है और बीजेपी के नेता डेरा प्रमुख के पास जाते रहे हैं, उससे सवाल उठता है कि क्या डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने के पीछे कोई राजनीतिक वजह है? जैसी कांग्रेस को आशंका है कि क्या डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने से विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा होगा? इसका पता चुनाव नतीजे आने के बाद ही चलेगा।
किसे वोट देंगे डेरा प्रमुख के समर्थक?
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हालांकि अभी तक डेरे की ओर से किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन किए जाने का कोई संकेत नहीं मिला है लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह डेरा प्रमुख को पैरोल देने का विरोध किया है, उससे यह साफ है कि कांग्रेस को इस बात का डर है कि डेरा समर्थकों को ऐसा संकेत मिल सकता है कि वे चुनाव में बीजेपी का समर्थन करें।
हालांकि डेरे में अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी डेरा प्रमुख से आशीर्वाद लेने जाते रहे हैं। जेल के अफसरों का कहना है कि गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। अफसरों के मुताबिक, उन्होंने अस्थाई रिहाई ली है और जेल में बंद सभी कैदियों को पैरोल मिल सकती है।