लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की है। पार्टी का यह प्रदर्शन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से कहीं बेहतर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट गई थी जबकि 2019 में उसने 52 सीटें जीती थी।
इस तरह कांग्रेस ने अपने पिछले आंकड़े में 47 सीटों की बढ़ोतरी की है। निश्चित रूप से कांग्रेस ने अपने इस प्रदर्शन से राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाया है।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन बनाने की पहल की और इसमें शामिल अपने सहयोगी दलों के साथ पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ा। विशेषकर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार में कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ अच्छा तालमेल दिखाया और एनडीए को 300 सीटों के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचने दिया। जबकि एनडीए ने इस चुनाव में 400 पार का नारा दिया था।
कांग्रेस ने जिन राज्यों में अपनी सीटें बढ़ाई हैं, उनमें महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा आदि शामिल हैं।

महाराष्ट्र में 1 से 13 सीटों पर पहुंची कांग्रेस
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे की यूबीटी और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और इस गठबंधन ने 48 सीटों में से 30 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि शिवसेना और एनसीपी में हुई टूट के बाद ऐसा नहीं दिखाई दे रहा था कि इंडिया गठबंधन यहां पर एनडीए के लिए कोई बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है। लेकिन चुनाव नतीजे बताते हैं कि यहां कांग्रेस ने बीजेपी को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। बीजेपी को यहां 9 सीटों पर जीत मिली है जबकि कांग्रेस ने 13 सीटें जीती हैं। एनसीपी (शरद चंद्र पवार) ने 8 सीटों पर और शिवसेना यूबीटी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है।
2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने 23 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। इस लिहाज से कांग्रेस ने महाराष्ट्र में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। कर्नाटक में पिछली बार कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी जबकि इस बार उसने 9 सीटें जीती हैं।
राज्य | पिछली बार मिली सीटें | इस बार मिली सीटें |
महाराष्ट्र | 1 | 13 |
बिहार | 1 | 4 |
हरियाणा | 5 | 5 |
कर्नाटक | 1 | 9 |
उत्तर प्रदेश | 1 | 6 |
राजस्थान | 0 | 8 |
तेलंगाना | 3 | 8 |
यूपी में खराब प्रदर्शन के बाद जीती 6 सीटें
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि 2014 में उसे यहां सिर्फ दो और 2019 के चुनाव में एक सीट मिली थी। अमेठी सीट पर कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया है।
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। 2014 में 71 और 2019 में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 33 सीटें ही जीत सकी है। यहां उसे 29 सीटों का नुकसान हुआ है। समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और पिछली बार मिली 5 सीटों के मुकाबले इस बार 37 सीटें जीती हैं।

पंजाब में भी दिखाया दम
पंजाब में पिछले लोकसभा चुनाव में 8 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार वहां 7 सीटें जीती हैं जबकि कई बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़कर जा चुके थे। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनकी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़, लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सहित कई नेता पार्टी का साथ छोड़कर जा चुके थे।
कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी से अलग हटकर सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ा। 2022 के विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी सिर्फ तीन लोकसभा सीटें जीत सकी।
हरियाणा में भी कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त टक्कर दी और पिछली बार सभी 10 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार सिर्फ 5 सीटों पर ही रोक दिया।

हिमाचल में बचाई सरकार
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही 6 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए थे। यहां लोकसभा की भले ही चार सीटों पर बीजेपी को जीत मिली हो लेकिन विधानसभा की 6 में से चार सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस ने अपनी सरकार बचा ली। यहां पर कांग्रेस की सरकार को 6 विधायकों की बगावत की वजह से खतरा पैदा हो गया था।
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने निश्चित रूप से कांग्रेस को संजीवनी दी है। तमाम राजनीतिक विशेषकों को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस जबरदस्त कमबैक करेगी और उसकी अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन 233 सीटों के आंकड़े तक पहुंच जाएगा।

आने वाले कुछ महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस अब अपनी या इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेगी और ऐसे में यहां भी एनडीए और इंडिया के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा।