लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने कई सीटों पर ऐसे चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है जिनकी खास राजनीतिक पहचान नहीं है। कई द‍िग्‍गजों को चुनाव मैदान से क‍िनारे कर द‍िया गया है। भाजपा ने करीब 25 फीसदी नए उम्‍मीदवार उतारे हैं। उधर, कांग्रेस को लगता है द‍िग्‍गज चेहरों का ही सहारा है। उसने कई पुराने चेहरों को इस बार के चुनावी अखाड़े में उतारा है।

BJP Candidate List Lok Sabha Election 2024: बीजेपी में 25 फीसदी नए चेहरे

ऐसी सीटों में पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट से रेखा पात्रा, तेलंगाना की हैदराबाद सीट से माधवी लता, उत्तर प्रदेश की श्रावस्ती सीट से साकेत मिश्रा, चंडीगढ़ से संजय टंडन, चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल का नाम शामिल है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से कंगना रनौत और मेरठ से अरुण गोविल भी नए चुनावी चेहरे हैं। यह दोनों ही चेहरे अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में आए हैं।

Lok Sabha Election 2024 BJP List: ये द‍िग्‍गज कर द‍िए गए क‍िनारे

बीजेपी ने लगभग 100 ऐसे नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा जिन्होंने 2019 में लोकसभा का चुनाव जीता था। बीजेपी ने इस बार मेरठ से सांसद राजेंद्र अग्रवाल, गाजियाबाद से सांसद और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह, बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे, बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी, दक्षिण दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी, भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर, सूरत से सांसद और केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश, हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, कर्नाटक से सांसद अनंत हेगड़े, चांदनी चौक से सांसद हर्षवर्धन, पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर सहित कई नेताओं को चुनाव मैदान से बाहर कर दिया। 

परिवारवाद को लेकर दूसरे दलों पर हमला करने वाली बीजेपी को पर‍िवारवाद से क्या फायदा हुआ है? पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें।

Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Yogi Adityanath
बाएं से- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (PC- X)

Lok Sabha Elections में दलबदलुओं पर पार्टियां मेहरबान

1984 का साल कांग्रेस में आने वाले दल बदलुओं के लिए सबसे अच्छा साल साबित हुआ था। तब कांग्रेस ने 32 दल बदलू नेताओं को उम्मीदवार बनाया था और इनमें से 26 को जीत मिली थी। यानी कांग्रेस में दल बदलू उम्मीदवारों का सक्सेस रेट 81.3 प्रतिशत था। 2019 में बीजेपी के जीते उम्मीदवारों में से 56.5 प्रतिशत दलबदलू थे। लोकसभा चुनाव 2019 में 8000 से अधिक उम्मीदवार मैदान में थे, इसमें अलग-अलग दलों के 195 दलबदलू उम्मीदवार भी शामिल थे। 

आखिर जमीनी नेताओं को छोड़ दलबदलुओं को ट‍िकट क्यों दे रहींं हैं पार्ट‍ियां। जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें। 

Archana Patil
दलबदलुओं पर भरोसा जता रही पार्टियां (Source- X)

Rekha Patra Sandeshkhali: बीजेपी ने बनाया संदेशखाली को मुद्दा 

31 साल की रेखा पात्रा ने संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए यौन शोषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। पश्चिम बंगाल की राजनीति में बीजेपी ने संदेशखाली को बड़ा मुद्दा बनाया है। इसलिए बीजेपी ने यहां से रेखा पात्रा को टिकट दिया है। उम्मीदवार बनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर उन्हें शक्ति स्वरूपा बताया था। 

Madhavi Latha Hyderabad: माधवी लता के सामने हैं ओवैसी 

देश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक हैदराबाद लोकसभा सीट से बीजेपी ने माधवी लता को टिकट दिया है। हैदराबाद सीट की चर्चा इसलिए होती है क्योंकि यहां से पिछले चार चुनाव में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी चुनाव जीत चुके हैं। माधवी लता खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेटी बताती हैं। वह बिजनेस भी चलाती हैं। उनके पास कोई बड़ा राजनीतिक अनुभव नहीं है और वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। 

Saket Mishra shravasti: साकेत मिश्रा श्रावस्ती से मैदान में

साकेत मिश्रा एक वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं। नृपेंद्र मिश्रा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए बनाए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। बीजेपी ने साकेत मिश्रा को इससे पहले उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में भी भेजा था। 

क्या लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए 400 सीटें हासिल कर सकता है। क्या है इसका चुनावी समीकरण। जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें। 

Narendra Modi
मंगलवार (9 अप्रैल, 2024) को बालाघाट में चुनावी रैली को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (PTI Photo)

Congress Candidates Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस ने पुराने द‍िग्‍गजों पर जताया भरोसा

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार का स्वाद चख चुकी कांग्रेस ने कई बड़े चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल अलप्पुझा से, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ से, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से, मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से, छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट से पूर्व मंत्री कवासी लखमा और वाराणसी से यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय को टिकट दिया है।

Amethi, Rae Bareli 2024 Lok Sabha seat: अमेठी, रायबरेली में कांग्रेस किसे देगी टिकट

इस चुनाव में दिग्गज नेताओं वाली कुछ सीटों पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में ऐसी तीन सीटें शामिल हैं। ये सीटें अमेठी, रायबरेली और कैसरगंज हैं। अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं लेकिन इस बार वह राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बन चुकी हैं। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस किसे चुनाव मैदान में उतारेगी, इसे लेकर पार्टी फैसला नहीं कर सकी है। 

कुछ ऐसा ही हाल अमेठी सीट का भी है। अमेठी में कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इस बारे में सवाल के जवाब में 17 अप्रैल को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में राहुल गांधी ने बस इतना कहा क‍ि पार्टी जो फैसला लेगी, उन्‍हें मंजूर होगा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी सीट से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हराया था। 

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी 15 साल तक अमेठी से सांसद रहे। उनका रिपोर्ट कार्ड जानने के लिए फोटो पर क्लिक करे।

 

Kaiserganj Lok Sabha seat: बृजभूषण का टिकट काटेगी बीजेपी?

लोकसभा सीट कैसरगंज को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। लेकिन महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपों में घिरे बृजभूषण शरण सिंह के नाम पर अभी तक बीजेपी फैसला नहीं कर सकी है। ऐसी चर्चा है कि अगर बृजभूषण शरण सिंह को टिकट नहीं मिला तो फिर बीजेपी उनकी पत्नी केतकी सिंह या उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दे सकती है। 

बात राजस्थान की करें तो यहां कुछ सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस को यहां भी भरोसा राज्य में पार्टी के बड़े नेताओं से है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

Hanuman Beniwal nagaur: नागौर में फिर जीतेंगे बेनीवाल? 

राजस्थान में नागौर सबसे हॉट सीट है। क्योंकि यहां से कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल चुनाव मैदान में हैं। हनुमान बेनीवाल ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए यह सीट जीती थी। 

लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने एनडीए छोड़ दिया था। बीजेपी ने यहां से ज्योति मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है। ज्योति मिर्धा राजस्थान के बड़े जाट नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर नागौर से 2009 में लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हो गई थीं। 

Dausa Congress candidate Murari Lal Meena: मीणा के लिए जुटे पायलट

दौसा सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट जमकर पसीना बहा रहे हैं। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा सचिन पायलट के ही समर्थक हैं। पायलट के खुलकर मुरारी लाल मीणा का समर्थन करने की वजह से यह सीट चर्चा में है। बीजेपी ने यहां से कन्हैया लाल मीणा को टिकट दिया है। 

इसके अलावा अलवर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े चेहरे भूपेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। जयपुर में कांग्रेस ने गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया है।