चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का 20वां अधिवेशन 16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक चलने वाला है। बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में आयोजित पार्टी कांग्रेस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरी बार सत्ता सौंपने पर मुहर लग सकती है।

2012 में चीन के सर्वोच्च नेता बने जिनपिंग के पास फिलहाल तीन महत्वपूर्ण पद हैं। वह CCP महासचिव, सशस्त्र सेनाओं के चेयरमैन और देश के राष्ट्रपति हैं। इस अधिवेशन में तीनों पदों पर उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। यानी वह तीसरी बार राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और CCP महासचिव बन सकते हैं।

दो बार राष्ट्रपति रह चुके जिनपिंग अगर तीसरी बार भी राष्ट्र प्रमुख चुने जाते हैं, तो वह माओ ज़ेदोंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन जाएंगे। पहले चीन में अधिकतम दो बार ही राष्ट्रपति बना जा सकता था। लेकिन साल 2018 में संशोधन कर इस प्रावधान को बदल दिया गया। उसके बाद से यह तय हो गया कि जिनपिंग आजीवन इस पद पर रह सकते हैं।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का इतिहास

सीसीपी की स्थापना साल 1921 में हुई थी। बहुदलीय लोकतंत्रों के विपरीत, चीन में एक दलीय शासन है। इसलिए वहां की पार्टी कांग्रेस देश की किस्मत तय करती है। 1970 के दशक के उत्तरार्ध में CCP के तत्कालीन महासचिव देंग शियाओपिंग ने एक नियम बनाया कि कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च पद पर दो कार्यकाल से अधिक नहीं रहेगा।

शी के पहले रहे दो चेयरमैन हू जिंताओ और जियांग जेमिन ने इस नियम का पालन भी किया। लेकिन शी फिलहाल पद छोड़ने को तैयार हैं। इस बार के अधिवेशन में पार्टी का नेता चुनने के लिए 34 प्रांतों से करीब 2300 प्रतिनिधि बीजिंग पहुंच चुके हैं।

सीसीपी के सर्वोच्च सदस्य केंद्रीय समिति का गठन करते हैं। वर्तमान केंद्रीय समिति में 205 सदस्य है। किसी सदस्य की मृत्यु की स्थिति में रिक्तियों को भरने के लिए 171 वैकल्पिक सदस्य भी हैं।

इनमें से 25 सदस्य महासचिव (राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस पद पर हैं) की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो बनाते हैं। सत्ता को सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में केंद्रीकृत किया गया है। यही समिति सभी महत्वपूर्ण नीतियों, निर्णयों और समझौतों की देखरेख करती है।