Karnataka Hizab Row: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा है कि कर्नाटक में हिजाब से जुड़े मामले पर जल्द सुनवाई के लिए पीठ का गठन करेंगे। शुक्रवार को शरियत कमेटी (Shariat Committee) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि 9 मार्च से शुरू हो रही परीक्षाओं में छात्राओं को हिजाब के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी जाए।

इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर होली की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी। वकील ने दलील दी कि अगले 5 दिनों में परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि आप आए ही आखिरी दिन, अब हम इसमें क्या कर सकते हैं?

CJI बोले- आपके सभी सवालों का जवाब नहीं दे सकते

इस पर छात्राओं की तरफ से पेश वकील ने कहा कि हम पहले भी आ चुके हैं… फरवरी में भी मामला मेंशन हुआ था। 10 दिन पहले भी हुआ। अब परीक्षाओं का क्या होगा? वकील की इस दलील पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम आपके सभी सवालों का जवाब नहीं दे सकते हैं… मामले पर सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले पर जल्द सुनवाई के लिए बेंच गठन करने को कहा है।

22 फरवरी को भी हुआ था मेंशन

इससे पहले 22 फरवरी को एडवोकेट शादान फरसत (Shadan Farasat) ने मामले को मेंशन किया था और छात्राओं को हिजाब के साथ परीक्षा में बैठने की इजाजत मांगी थी। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि वह इस मसले पर जल्द फैसला लेंगे। इससे पहले जनवरी 23 को सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने भी मामले को मेंशन करते हुए अर्जेंट सुनवाई की मांग की थी। तब भी सीजेआई ने इसे जल्द सुनने का आश्वासन दिया था।

हाईकोर्ट ने किया था हिजाब बैन

बता दें कि कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को लेकर लंबे वक्त से मामला गरमाया है। विवाद हाईकोर्ट पहुंचा था। तब हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया था।

सुप्रीम कोर्ट से आया था बंटा फैसला

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट आया। अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसला दिया। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब के पक्ष में निर्णय दिया था। जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हाईकोर्ट के निर्णय का समर्थन किया था। बंटा फैसला होने की वजह से इसे और बड़ी बेंच के पास भेजने का फैसला लिया गया था।