राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की दोस्ती एक बार फिर देखने को मिली है।
लोकसभा में चंद्रशेखर ने जब प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का उत्तर प्रदेश में क्या असर है, विशेषकर एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के युवाओं के बीच, इस संबंध में सवाल पूछा तो ट्विटर पर जयंत चौधरी ने इसके लिए चंद्रशेखर आजाद का आभार जताया।
जयंत ने अपने ट्वीट में बताया कि उत्तर प्रदेश में 30 जून, 2024 तक 12.94 लाख से ज्यादा एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद की दोस्ती कुछ महीने पहले तक सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक दिखाई देती थी। कुछ महीने पहले तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस तरह के राजनीतिक हालात बन गए थे जिसमें जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद को यहां बड़ी ताकत के रूप में देखा जाने लगा था। जयंत मूल रूप से बागपत के हैं जबकि आजाद सहारनपुर के।
बीते साल जब आजाद पर हमला हुआ था तो तमाम विपक्षी नेताओं के साथ ही जयंत चौधरी भी आजाद के समर्थन में डटकर खड़े हुए थे। एक सभा में जयंत चौधरी ने कहा था कि लोग जल्द ही आजाद को लोकसभा में देखेंगे। जयंत उस वक्त इंडिया गठबंधन के सदस्य थे लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में आ गए थे।
दोनों सीटों पर जीता रालोद
बीजेपी ने रालोद को गठबंधन के तहत 2 सीटें- बिजनौर और बागपत दी थीं। लोकसभा चुनाव में दोनों ही सीटों पर रालोद को जीत मिली थी और चुनाव नतीजे के बाद जब केंद्र में फिर से मोदी सरकार बनी तो जयंत चौधरी को स्किल डेवलपमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे अहम मंत्रालयों में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। इसके साथ ही उन्हें शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री का दायित्व भी दिया गया है।
दूसरी ओर, चंद्रशेखर आजाद ने बिना किसी से गठबंधन करते हुए अकेले ही चुनाव लड़ा और नगीना लोकसभा सीट से डेढ़ लाख वोटों से जीत हासिल की।
जाट और जाटव मतदाता
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और जाटव जातियां सियासी रूप से बेहद ताकतवर हैं। जयंत चौधरी जाट बिरादरी से आते हैं जबकि चंद्रशेखर आजाद जाटव बिरादरी से।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो अनुमान के मुताबिक जाट आबादी यहां 17 प्रतिशत है जबकि दलित बिरादरी के मतदाताओं की संख्या 26 प्रतिशत है। इसमें से भी लगभग 80% दलित मतदाता जाटव जाति से संबंध रखते हैं।
जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजित सिंह और दादा चौधरी चरण सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत से निकलकर पहले उत्तर प्रदेश और फिर देश भर में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे। चौधरी चरण सिंह भारत के प्रधानमंत्री भी बने। जबकि जाटव जाति से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाली बड़ी नेता मायावती हैं। मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।