बीजेपी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और (अति पिछड़ा वर्ग) ईबीसी तक पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के द्वारा हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में बुलाने से यही संकेत मिलता है। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी रामफल मंडल की याद में आयोजित किया गया था।

रामफल मंडल धानुक समाज से आते थे और मूल रूप से सीतामढ़ी के रहने वाले थे। उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान चार अफसरों की हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी।

राजनीतिक हालात के लिहाज से मौजूदा वक्त ऐसा है जब बीजेपी को कांग्रेस और समाजवाद की राजनीति करने वाली पार्टियों के द्वारा संविधान और आरक्षण को लेकर लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है।

शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में लगभग दो दशक तक मुख्यमंत्री रहे हैं और ओबीसी वर्ग में आने वाली किरार जाति से संबंध रखते हैं।

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कैसे हल होगा मराठा आरक्षण का मुद्दा? (Source-PTI)

चौहान ने भाजपा ओबीसी मोर्चा के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, “बीजेपी के विरोधी बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उन्होंने कभी भी पिछड़ी जातियों का सम्मान नहीं किया। अगर किसी ने वास्तव में पिछड़ी जातियों का सम्मान किया है तो वह बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।”

चौहान ने कहा, “मोदी जी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। सभी पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को सम्मान दिया गया। चाहे केंद्रीय विद्यालय हों या अन्य संस्थान, यह मोदी सरकार ही है जिसने इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि पिछड़े वर्ग के बच्चे इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ सकें।”

मंडल की शहादत को किया याद

शिवराज सिंह चौहान ने रामफल मंडल को याद किया और कहा कि ऐसे अनगिनत लोग थे जिन्होंने हाथों में भगवद्गीता लेकर और मुंह पर भारत माता की जय बोलते हुए मौत को गले लगा लिया और वे डरे भी नहीं।

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अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ल‍िए आरक्षण (Source- Represetative Image/ Express)

कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि रामफल मंडल अपने वकीलों की इस राय से सहमत नहीं थे कि जो उन्होंने किया है, उसे वह स्वीकार न करें बल्कि मंडल ने यह सोचा कि अगर किसी एक रामफल मंडल की शहादत होती है तो हजारों रामफल मंडल पैदा होंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान मोदी सरकार द्वारा गरीबों के लिए किए जा रहे कामों को भी सामने रखा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ घर और शहरी इलाकों में एक करोड़ घर बनाए जाने हैं। इसमें से अगले 5 साल में बिहार में 13 लाख घर बनाए जाएंगे।

हालिया लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था और इसके पीछे यह वजह मानी गई थी कि पार्टी को ओबीसी और दलित मतदाताओं का साथ नहीं मिला।

यूपी में 29 सीटों का हुआ नुकसान

राज्य 2019 में मिली सीटेंगंवाई सीटें
उत्तर प्रदेश 6229
महाराष्ट्र 2314
पश्चिम बंगाल 186
राजस्थान 2511
बिहार175
कर्नाटक 258
हरियाणा 105

इंडिया गठबंधन की ओर शिफ्ट हुए ओबीसी मतदाता

लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा। बिहार के नतीजों के बाद यह चर्चा सामने आई थी कि ओबीसी वोटों में बड़ी भागीदारी रखने वाले कुशवाहा समुदाय और कुछ अन्य जातियों का वोट कई सीटों पर विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों- राजद, कांग्रेस और वाम दलों की ओर शिफ्ट हो गया।

बिहार में बीजेपी जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की गठबंधन सरकार चल रही है।

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(बाएं से दाएं) चंद्रबाबू नायडू, नरेंद्र मोदी, चिराग पासवान (Source- PTI)

10 लाख वोटों से जीते हैं शिवराज

शिवराज सिंह चौहान को इस बार लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से लगभग 10 लाख वोटों से जीत मिली है और इसके बाद उन्हें मोदी सरकार में कृषि जैसा अहम मंत्रालय भी दिया गया। शिवराज सिंह चौहान बीजेपी में मौजूदा दौर में सबसे लोकप्रिय ओबीसी चेहरों में से एक हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवराज सिंह चौहान का बिहार आना और ओबीसी मोर्चा के कार्यक्रम में भाग लेने को ओबीसी और ईबीसी वर्ग के लिए एक संदेश माना जा रहा है। ओबीसी और ईबीसी वर्ग का बड़ा हिस्सा, बीजेपी के साथ जुड़ा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव में यह पार्टी से दूर जाता दिखाई दिया था।