हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट में पार्टी ने जबरदस्त संतुलन साधने की कोशिश की है। कई दिनों तक चले राजनीतिक मंथन के बाद बुधवार रात को उम्मीदवारों की जो पहली सूची पार्टी ने जारी की है, उसमें प्रभावशाली समुदायों पर फोकस, बड़े नेताओं को मनाने की कोशिश तो पार्टी ने की ही है, राजनीति को विरासत में हासिल करने वाले युवा नेताओं को भी मौका दिया है।

पार्टी ने सैनी सरकार के तीन मंत्रियों और नौ मौजूदा विधायकों को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है और चुनाव में जीत हासिल करने की योग्यता को टिकट वितरण में पैमाना बनाया है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पार्टी में दो दिन पहले ही शामिल हुए छह नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट मिला है। इन नेताओं में पिछला चुनाव नारनौंद से जेजेपी के टिकट पर जीते रामकुमार गौतम को सफीदों से, उकलाना से जीते अनूप धानक को इसी सीट से, पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा को कालका से, पिछला चुनाव जेजेपी के टिकट पर जीते देवेंद्र बबली को टोहाना से, जेजेपी से ही आए संजय कबलाना को बेरी से और सुनील सांगवान को दादरी सीट से पार्टी ने टिकट दिया है। सुनील सांगवान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस साल जून में करनाल सीट से उपचुनाव जीते थे लेकिन इस बार पार्टी उन्हें कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट से चुनाव लड़ा रही है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली चुनाव नहीं लड़ेंगे।

उचाना कलां सीट पर होगा जोरदार मुकाबला। (Source- dchautala/FB)

ताकतवर जातियों और समुदायों को दी तवज्जो

बीजेपी की पहली लिस्ट में अगर जातीय समीकरणों का आप बारीकी से विश्लेषण करें तो यह साफ समझ में आता है कि पार्टी ने हरियाणा के अंदर ताकतवर जातियों और समुदायों को पूरी तवज्जो दी है। मसलन हरियाणा में सबसे बड़ी आबादी वाले ओबीसी समुदाय से 17 नेताओं को चुनाव लड़ने का मौका मिला है तो ताकतवर जाट समुदाय के 13 नेता भी बीजेपी के कमल निशान पर चुनाव में दम भरते दिखाई देंगे।

इसके अलावा ब्राह्मण समुदाय के 9, पंजाबी समुदाय के 8, वैश्य के 5 और दलित समुदाय के 13 नेताओं को भी बीजेपी ने टिकट दिया है।

ओबीसी जातियों में ताकतवर गुर्जर समुदाय को 5 और यादव समुदाय को भी इतने ही टिकट दिए गए हैं।

आज से शुरू होगा नामांकन का शोर

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन आज से शुरू हो रहे हैं। नामांकन 12 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। 13 सितंबर को नामांकन पत्रों की समीक्षा होगी और 16 सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 8 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी।

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं। इसमें से 73 सीटें सामान्य और 17 सीटें आरक्षित हैं।

नायब सिंह सैनी के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। (Source-NayabSainiOfficial)

युवा पीढ़ी के नेताओं को उतारा मैदान में

बीजेपी ने राजनीतिक विरासत संभाल रही युवा पीढ़ी के नेताओं में से पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की पोती और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को उनकी पसंदीदा सीट अटेली से टिकट दिया है। ऐसा करने के लिए पार्टी को अपने मौजूदा विधायक सीताराम यादव का टिकट काटना पड़ा है। इस तरह पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के सियासी कद का पूरा सम्मान रखा है।

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के विधायक बेटे भव्य बिश्नोई को हिसार की आदमपुर सीट से और एक और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को भिवानी जिले की तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

श्रुति चौधरी अपनी मां किरण चौधरी के साथ लोकसभा चुनाव के बाद इस साल जून में ही बीजेपी में शामिल हुई थीं। किरण चौधरी बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा की सांसद चुनी गई हैं। पार्टी को उम्मीद है कि इससे उसे भिवानी-महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी के इलाकों में जाट समुदाय के वोट मिलेंगे।

पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा से उम्मीदवार बनाया है। करतार भड़ाना हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश में भी विधायक रहे हैं।

हरियाणा का विधानसभा चुनाव जीत पाएगी बीजेपी?(Source-FB)

पांच विधायकों के टिकट काटे

पार्टी ने किसी तरह के विवाद से बचने के लिए यौन उत्पीड़न के आरोपी और पूर्व मंत्री सरदार संदीप सिंह को चुनाव लड़ाने से परहेज किया है जबकि पांच मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं। इन नेताओं में फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, रतिया से लक्ष्मण नापा, पलवल से दीपक मंगला, गुरुग्राम से संदीप सिंगला और अटेली सीट से सीताराम यादव शामिल हैं।

दिग्गजों को मिला पसंद की सीट से टिकट

बीजेपी ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि टिकट मांग रहे दिग्गज नेताओं को बगावत का मौका ना मिले। गुरुग्राम जिले की शहरी सीट बादशाहपुर से लगातार टिकट की हुंकार भर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को पार्टी ने उनकी पसंदीदा सीट बादशाहपुर से चुनाव मैदान में उतारा है और ऐसा करते वक्त पार्टी ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी को दरकिनार किया है। राव नरबीर सिंह का पिछले चुनाव में बीजेपी ने टिकट काट दिया था और तब यह कहा गया था कि राव इंद्रजीत सिंह से राजनीतिक रिश्ते बेहतर न होने की वजह से ही राव नरबीर सिंह का टिकट कटा था।

इसी तरह तमाम अटकलों के बाद भी कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता को हिसार सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है जबकि इस सीट पर कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल की मां और हरियाणा सरकार की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भी टिकट की जोरदार दावेदारी की थी।

अनुभव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अपने स्पीकर डॉक्टर ज्ञानचंद गुप्ता को उनकी पंचकूला सीट से और कैबिनेट मंत्री कंवर कंवरपाल गुर्जर को जगाधरी से टिकट दिया है। इसी तरह एक और अनुभवी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज को पार्टी ने फिर से अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ने का आदेश दिया है।

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पूर्व सांसदों को भी चुनाव लड़ने का मौका

बीजेपी ने इस बात का ध्यान रखा है कि लोकसभा चुनाव में हारे या ऐसे नेता जिनका टिकट काट दिया गया था, उन्हें भी चुनाव मैदान में उतारकर उनके राजनीतिक अनुभव और सियासी सक्रियता का फायदा चुनाव में लिया जाए। लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट पर बड़े अंतर से हारने वाले पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को गोहाना सीट से, सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को फतेहाबाद जिले की रतिया सीट से टिकट दिया गया है। इसी तरह राज्यसभा के सांसद कृष्ण लाल पंवार को इसराना से चुनाव मैदान में उतारा गया है। दूसरी सूची में पार्टी पूर्व सांसद अशोक तंवर को भी उम्मीदवार बना सकती है।

8 महिलाओं को बनाया उम्मीदवार

बीजेपी ने पहली लिस्ट में महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका दिया है। इस सूची में 8 सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे गए हैं। इनमें शक्ति रानी शर्मा, संतोष चौहान सरवन, कमलेश ढांडा, सुनीता दुग्गल, श्रुति चौधरी, मंजू हुड्डा, रेनू डाबला और आरती सिंह राव शामिल हैं।

पार्टी को अब 23 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना है।

विरोध की सुनाई दी आवाज

विधानसभा चुनाव की पहली सूची आते ही पार्टी में विरोध की आवाज भी सुनाई दी है। चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे पार्टी के कुछ नेताओं ने बागी तेवर दिखाए हैं। ऐसे नेताओं में गुरुग्राम सीट से टिकट मांग रहे जीएल शर्मा, थानेसर सीट से टिकट मांग रहे जय भगवान शर्मा डीडी का नाम शामिल है। बाढड़ा सीट से टिकट मांग रहे पूर्व विधायक सुखविंदर श्योराण और उकलाना से टिकट मांग रहीं सीमा गैबीपुर ने बीजेपी छोड़ दी है।

बीजेपी ने लंबी दिमागी और सियासी कसरत के बाद उम्मीदवार तो चुनाव में उतार दिए हैं लेकिन देखना होगा कि इन उम्मीदवारों के दम पर क्या वह एक बार फिर हरियाणा में कमल खिलाने में कामयाब होगी?