मैं क्रांतिकारी हसन खां मेवाती के सामने सिर झुकाता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में नूंह के पुन्हाना में हुई एक रैली में मंच से यह बात कही। यह चुनावी रैली गुड़गांव सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन में हुई थी।

Raja Hasan Khan Mewati: बाबर के खिलाफ लड़े थे राजा मेवाती

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के शासक रहे राजा हसन खां मेवाती उर्फ राजा मेवाती की तारीफ कर रहे थे। राजा हसन खां मेवाती ने 1526 में हुई पानीपत की लड़ाई में मुगल शासक बाबर के खिलाफ जंग लड़ी थी। 1527 में हुए खानवा के युद्ध में भी वह लड़े थे लेकिन इस युद्ध में वह मारे गए थे। हरियाणा बीजेपी के नेता मेवात इलाके की नूहं बेल्ट में लगातार राजा मेवाती की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। मेवात में हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाके आते हैं।

Bhupinder Singh Hooda
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर। (Source-FB)

Raja Mewati statue: बीजेपी सरकार ने लगाई मेवाती की प्रतिमा

9 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नूंह के बडकली चौक में राजा मेवाती की प्रतिमा का अनावरण किया था। उन्होंने इस दिन को शहीदी दिवस का दर्जा दिया था। खट्टर ने कहा था कि आज तक हरियाणा में किसी भी सरकार ने राजा मेवाती को याद नहीं किया।

खट्टर ने तब ऐलान किया था कि शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ में राजा मेवाती के नाम से शोध पीठ स्थापित की जाएगी। यह कॉलेज कांग्रेस के शासन में बनाया गया था। खट्टर ने तब महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण किया था और कहा था कि बाहरी लोग मेवात की एकता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपील की थी कि यहां के लोगों को भाईचारे की भावना को बरकरार रखना चाहिए और इसके लिए शहीद राजा मेवाती की देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए।

Nuh Riots: नूंह में हुए थे दंगे

बीते साल जुलाई में नूंह और इसके आसपास के इलाकों में दंगे हुए थे और इसके बाद मार्च में यह पहला मौका था जब खट्टर मुस्लिम समुदाय के बीच पहुंचे थे।

पुन्हाना में हुई रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने इस धरती को एक पवित्र धरती बताया। इसी धरती पर राजा मेवाती का जन्म हुआ था। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि राजा मेवाती और उनकी सेना के 12000 सैनिकों ने बाबर के सामने सिर नहीं झुकाया और वे युद्ध लड़ते हुए मारे गए। इतने सालों में किसी भी सरकार ने राजा मेवाती को सम्मान नहीं दिया और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि अगर किसी ने राजा मेवाती की शहादत को सम्मान दिया तो वह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे।”

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “पिछले 10 सालों में मेवात ने विकास की एक नई लहर देखी है जबकि बाकी सरकारों ने मेवात को सिर्फ वोट बैंक के रूप में ही देखा। उन्होंने यहां के लोगों से सिर्फ झूठे वादे किए और कोई विकास नहीं किया।”

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भाजपा नेता ने कांग्रेस प्रत्याशी को बताया गीदड़ (PC- IE)

Mohan Bhagwat: भागवत ने की थी तारीफ

राजा मेवाती की इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोग भी तारीफ कर चुके हैं। 2015 में राजस्थान के भरतपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि मेवाड़ के राजा राणा सांगा के सेनापति राजा मेवाती ने बाबर की सेना में शामिल होने के ऑफर को ठुकरा दिया था और कहा था कि वह भारत माता के पुत्र हैं।

भागवत के मुताबिक, राजा मेवाती ने बाबर से कहा था कि उनकी भाषा, जाति और धर्म बाबर से मिलते-जुलते हो सकते हैं लेकिन वह पहले भारतीय हैं और भारत माता के पुत्र हैं। 2021 में संघ प्रमुख ने मुसलमानों से राजा मेवाती जैसे देशभक्तों के दिखाए रास्ते पर चलने को कहा था।

Raja Hasan Khan Mewati: कौन थे राजा मेवाती?

मेवात के इतिहासकार सिद्दीक अहमद मेव बताते हैं कि अलवर के खानजादा राजवंश में जन्मे मुस्लिम राजपूत राजा हसन खां मेवाती को शाह-ए-मेवात और दिल्ली का कोतवाल कहा जाता था। राजा मेवाती दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के ममरे भाई थे और उनके परिवार के तुगलक सहित दिल्ली के अन्य सुल्तानों से अच्छे संबंध थे।

1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया था और दिल्ली सल्तनत का खात्मा कर भारत में मुगल शासन की शुरुआत की थी। इस लड़ाई में न सिर्फ इब्राहिम लोदी बल्कि राजा मेवाती के पिता अलावल खां भी मारे गए थे और उनके बेटे ताहिर को बंधक बना लिया गया था।

Raj Babbar
राज बब्बर। (Source- Express File)

‘मुस्लिम भाई’ का जवाब ‘खून के रिश्ते के भाई’ से

सिद्दीक बताते हैं कि इसके बाद राजा मेवाती ने मुगल राजाओं से लड़ाई लड़ने के लिए मेवाड़ के शासक राणा सांगा के साथ हाथ मिला लिया। राजा मेवाती के बेटे ताहिर की रिहाई के लिए बाबर ने मेवाती से कहा कि क्योंकि वह दोनों ‘मुस्लिम भाई’ हैं इसलिए उन्हें उनके साथ आ जाना चाहिए लेकिन मेवाती ने उन्हें जवाब दिया था कि वह अपने ‘खून के रिश्ते के भाई’ राणा सांगा के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।

सिद्दीक बताते हैं कि बाबरनामा के मुताबिक, इब्राहिम लोदी के भाई महमूद लोदी और राणा सांगा के साथ मिलकर राजा मेवाती ने 1527 में हुआ खानवा का युद्ध लड़ा। लेकिन युद्ध के दौरान राणा सांगा और लोदी घायल हो गए और युद्ध का मैदान छोड़कर चले गए। इसके बाद राजा मेवाती ने लड़ाई की कमान संभाली और जमकर युद्ध लड़ा। युद्ध में तोप का गोला लगने से राजा मेवाती की मौत हो गई थी।

इस लड़ाई में बड़े पैमाने पर तोपों का इस्तेमाल किया गया था और इसमें बाबर की जीत हुई थी। सिद्दीक दावा करते हैं कि बाबरनामा के मुताबिक, राणा सांगा के आदमी ने लोदी को हराने के लिए बाबर को मदद देने की पेशकश की थी। जाने-माने इतिहासकार सिद्दीक का कहना है कि अब इस बात का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है।

सिद्दीक आगे बताते हैं, पिछले 20 सालों में स्थानीय लोगों ने इतिहास को फिर से खंगालने की कोशिश की है और हमने राजा मेवाती से जुड़े दस्तावेजों का पता लगाया है। जब बीजेपी ने यहां पर एक मूर्ति लगाने का फैसला किया तो उन्होंने राजा मेवाती से जुड़े हुए दस्तावेज और चित्र मांगे। हमने उन्हें सब कुछ दिया। लेकिन मूर्ति में राजा मेवाती का जो चेहरा बनाया गया है वह असल में उनके चेहरे से बिल्कुल अलग है।

सिद्दीक कहते हैं कि उन्होंने राजा मेवाती के चेहरे को इस्लामी चेहरा बना दिया जो कि उनकी राजपूत शैली की दाढ़ी वाले चेहरे से बिलकुल उलट है। लोगों ने इसे लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई लेकिन बीजेपी ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

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पिछले साल हिंसा की वजह से चर्चा में आया था नूंह (Source- Express/twitter)

कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के आरोपों को नकारा

कांग्रेस के नेता भाजपा के उन आरोपों को पूरी तरह नकारते हैं जिसमें भाजपा नेता कहते हैं कि राजा मेवाती को कभी भी सम्मान नहीं दिया गया। कांग्रेस के एक नेता बताते हैं, राजा मेवाती की विरासत का सम्मान रखने के लिए ही नल्हड़ में उनके नाम से मेडिकल कॉलेज खोला गया। कांग्रेस की सरकार में ही यहां अस्पताल बनाया गया लेकिन जब से भाजपा सत्ता में आई है, यहां पर जरूरी सुविधाओं की बेहतरी के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए और अब यह सिर्फ यहां से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने का एक सेंटर बनकर रह गया है।

Nuh Muslim Population: नूंह में 79% है मुस्लिम आबादी

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी मुस्लिम समुदाय के बीच भी जा रही है। हरियाणा में मुस्लिम समुदाय की आबादी विशेषकर नूंह जिले में है। राज्य में मुस्लिम समुदाय की आबादी 7% है लेकिन नूंह में इस समुदाय की आबादी 79% है।

नूंह जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं। नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना। यह तीनों विधानसभा सीटें गुड़गांव लोकसभा के अंदर आती हैं और इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। गुड़गांव सीट से 2009 से लगातार राव इंद्रजीत सिंह जीत रहे हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में बीजेपी के नेताओं ने नूंह में काफी चुनाव प्रचार किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यहां चुनावी सभाएं की हैं। इन नेताओं ने चुनावी भाषणों के दौरान अपना ध्यान विकास के मुद्दे पर केंद्रित रखा है।

अपनी चुनावी रैलियों में बीजेपी के नेता बताते हैं कि 2018 में नीति आयोग के जिला कार्यक्रम की रिपोर्ट में नूंह को जिस तरह पिछड़ा हुआ बताया गया था, अब यह उससे आगे बढ़ चुका है।

2019 के लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अजय सिंह यादव को 3.86 लाख वोटों से हराया था। इस बार कांग्रेस ने यहां से राज बब्बर को टिकट दिया है।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (Source- bhupinder.s.hooda/FB)

Rao Inderjit Singh: विकास की राजनीति का दिया हवाला

पिछले हफ्ते फिरोजपुर झिरका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने मेवात में जाति और धर्म की राजनीति नहीं की बल्कि विकास की राजनीति शुरू की है। राव ने कहा, मेरे परिवार का मेवात की कई पीढ़ियों से संबंध रहा है। हम लोगों ने आजादी की लड़ाई साथ-साथ लड़ी है। पूरे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी भी किसी के साथ इलाके के नाम पर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया।

इसी रैली में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया कि मुसलमान कांग्रेस के शासन के मुकाबले नरेंद्र मोदी के शासन में ज्यादा सुरक्षित हैं। खट्टर ने कहा 1980 और 1990 में हम अक्सर ऐसी खबर सुनते थे कि मेरठ, अलीगढ़, दिल्ली, कानपुर या अन्य इलाकों में दंगे हुए हैं लेकिन अब देश में हिंदू-मुस्लिम संघर्ष की घटनाएं नहीं हो रही हैं।

हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और इन सभी सीटों पर 25 मई को मतदान होना है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा में क्लीन स्वीप किया था।