सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़ों को चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि Rithwik Projects Pvt Ltd नाम की एक कंपनी ने 27 जनवरी, 2023 से 11 अप्रैल, 2023 के बीच 45 करोड़ रुपये का बांड खरीदा था। रमेश ने 2023 में 27 जनवरी को पांच करोड़ और 11 अप्रैल को 40 करोड़ के बॉन्ड खरीदे थे।
Rithwik Projects का स्वामित्व बीजेपी सांसद (राज्यसभा) सीएम रमेश (Chintakunta Munuswamy Ramesh) के पास है। अक्टूबर 2018 में आयकर विभाग ने कंपनी और रमेश से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था। तब रमेश टीडीपी सांसद हुआ करते थे। आयकर विभाग ने आरोप लगाया कि कंपनी ने 100 करोड़ रुपये का गबन किया है।
भाजपा ने की थी सदस्यता रद्द करने की मांग
नवंबर, 2018 में बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने राज्यसभा की सदाचार समिति को रमेश के लिए चिट्ठी लिखी थी और बड़ी वित्तीय धांधली के मामले में उचित कार्रवाई करते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। लेकिन, जून, 2019 में रमेश भाजपा में शामिल हो गए। वर्तमान में वह भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं और उनकी पुरानी पार्टी टीडीपी एनडीए में भाजपा की सहयोगी है।
विशाखापट्टनम से चुनाव लड़ना चाहते हैं रमेश
मंगलवार (12 मार्च, 2024) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जन सेना पार्टी (जेएसपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को झटका दिया है। सत्तारूढ़ दल के नेता गठबंधन के गठन को पचा नहीं पा रहे हैं, क्योंकि गठबंधन के सरकार बनाने के बाद उनके सभी अत्याचार सामने आ जाएंगे।
रमेश खुद इस बार विशाखापट्टनम से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। रमेश के मुताबिक उन्होंने इसके लिए भाजपा हाईकमान से अनुरोध किया है। अप्रैल 2024 में रमेश के राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
कितनी संपत्ति के मालिक हैं सीएम रमेश?
सीएम रमेश के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 34 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल संपत्ति है। इसमें अगर उनकी पत्नी और दो आश्रितों की चल संपत्ति को जोड़ दें, तो यह आंकड़ा 40 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाता है।
अचल संपत्ति की बात करें तो सीएम रमेश के पास 145 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें अगर उनकी पत्नी और दो आश्रितों की अचल संपत्ति की कीमत जोड़ दें, तो यह आंकड़ा 218 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाता है।