बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन अक्सर अपने ब्लॉग में दिलचस्प किस्से साझा करते हैं। हाल में उन्होंने अपने स्कूल के दिनों का एक वाकया साझा किया है, जिसमें वह बॉक्सिंग रिंग से पिटकर वापस आए थे। इसके बाद उन्हें पिता हरिवंशराय बच्चन से मुक्केबाजी पर एक किताब मिली थी।
कब का है किस्सा?
अमिताभ बच्चन को अपनी लाइब्रेरी से एक किताब मिली, जिसपर न सिर्फ उनके पिता का हस्ताक्षर है बल्कि अमिताभ के लिए एक संदेश भी लिखा है। किताब को देखते ही अमिताभ बच्चन को पूरा किस्सा याद आ गया। बॉलीवुड अभिनेता के मुताबिक, यह वर्ष 1953-54 की बात है। अमिताभ तब चौथी या पांचवी कक्षा में पढ़ते थे। तब अमिताभ के ‘बाबूजी’ हरिवंशराय बच्चन पढ़ाई के लिए इंग्लैंड में थे।
अमिताभ ने अपने पिता को पत्र लिखकर बताया कि वह अब स्कूल में बॉक्सिंग करने लगे हैं। वह स्कूल के अपने ‘ब्लू हाउस’ का प्वाइंट बढ़ाने के लिए मैदान में उतरे थे। उन्होंने पहला मैच तो जीत लिया लेकिन अगला मैच हार गए। अमिताभ की तुलना में उनका प्रतिद्वंदी अधिक शक्तिशाली था। बॉक्सिंग रिंग से अमिताभ आंखों पर काला धब्बा और नाक से बहते खून के साथ वापस लौटे थे।
पिता का पुत्र के लिए संदेश
इस घटना के कई दिनों बाद अमिताभ को एक पार्सल मिला। पहले पार्सल और पत्र आदि नाव से आते थे, इसलिए आने में समय लगा। पार्सल में एक अमिताभ के लिए बॉक्सिंग पर किताब थी। किताब के पहले पन्ने पर हरिवंशराय बच्चन का हस्ताक्षर था, खरीद की तारीख और पता लिखा था। साथ ही लिखा पिता का पुत्र के लिए एक संदेश: “अच्छे कठिन वार मन को प्रसन्न करते हैं।”
जब कैम्ब्रिज गए अमिताभ
2000 के दशक की शुरुआत में इंग्लैंड में शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन कैम्ब्रिज के सेंट कैथरीन कॉलेज गए। अमिताभ कैम्ब्रिज में अपने पिता के बिताए दिनों के बारे में जानने पहुंचे थे। जब कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों को अमिताभ के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें चाय पिलाया। बातचीत की। अमिताभ बच्चन ने उन्हें बॉक्सिंग वाली घटना सुनाई, जिसे सुनकर सभी खूब हँसे।
जब AI से अपना ब्लॉग लिखवाना चाहते थे बच्चन
अपने एक हालिया ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ChatGPT के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे वह ChatGPT से अपना ब्लॉग लिखवाना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना मन बदल दिया।
बच्चन ने लिखा, “हम सभी जानते हैं कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट, जो जल्द ही इंसान के महत्व को खत्म कर देगा। मैं चाहता था कि ChatGPT एक दिन मेरा ब्लॉग लिखे। लेकिन फिर मैंने सोचा कि वो बिना दिल या आत्मा के लिखा होगा। हालांकि, किसी दिन मैं ऐसा करने की कोशिश जरूर करूंगा।”
15 साल से ब्लॉग लिख रहे हैं बच्चन
अमिताभ बच्चन 15 साल से ब्लॉग लिख रहे हैं। उन्होंने 17 अप्रैल, 2008 को ब्लॉग लिखना शुरू किया था। ब्लॉग के 10 साल पूरे होने पर बच्चन ने लिखा था, “दस साल! अप्रैल 17, 2008, कुछ शब्दों ने हवाओं से सरगोशियां की, रिश्तों की एक लहर सी बनी, कुछ संदेशों को पहचान मिली और संदेशे, लौटते हुए अपने साथ और संदेशे लाए, एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा और तीसरे के बाद चौथा, और उसके बाद हम एक दूसरे को जानते गए, पहचानते गए और एक घर बन गया, ऐसा घर जिसमें दुनिया में सबसे ज्यादा अपनापन है।”