अंधविश्वास फैलाने के आरोपों की वजह से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) चर्चा में हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वरधाम (Bagheshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियां बना रहे हैं।

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हिंदू धर्म से जुड़ी कथाओं के सूत्रधार और कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री पर कई बार मुस्लिम विरोधी बयान देने का आरोप भी लगता रहा है। आज धीरेंद्र शास्त्री के पास फॉलोअर्स की बढ़ी संख्या है लेकिन कुछ वर्ष पहले तक उनकी जिंदगी ऐसी नहीं थी।

पहले चलाते थे ऑटो रिक्शा!

जुलाई 2023 में धीरेंद्र शास्त्री 27 साल के हो जाएंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया है कि धीरेंद्र शास्त्री कुछ साल पहले तक ऑटो रिक्शा चलाया करते थे। कुछ साल पहले तक बागेश्वर धाम में सिर्फ एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था। मंदिर का संचालन धीरेंद्र शास्त्री करते थे। उन्होंने कथित चमत्कारों के दम पर धीरे-धीरे अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाई।

बहन की शादी में कम पड़ गया था पैसा

अक्सर धीरेंद्र शास्त्री मंच से अपने एक मुस्लिम दोस्त का जिक्र करते हैं। उस दोस्त का नाम शेख मुबारक है। धीरेंद्र शास्त्री और शेख मुबारक की दोस्ती 2007-8 में हुई थी। 10-12 साल तक दोनों साथ रहे, खूब घूमे, खाए-पीए। बाद में व्यस्तताओं के कारण दोनों का मिलना-जुलना कम हो गया। हालांकि दोनों आज भी एक दूसरे के संपर्क में हैं।

शेख मुबारक का जिक्र करते हुए धीरेंद्र शास्त्री मंच से कह चुके हैं, ”मेरा एक पागल दोस्त शेख मुबारक है। जब मैं कुछ नहीं था, परेशान था, तब वह मेरी मदद करता था।”

नवभारत टाइम्स से बात करते हुए शेख मुबारक मदद का एक किस्सा बताते हैं। वह कहते हैं, “तब उनकी आर्थिक स्थिति एक दम खराब थी। वह एक छोटे से कमरे में रहते थे, जो बारिश में टपकता था। जब मैंने देखा कि वह समाज में अच्छा काम कर रहे हैं। तब मैंने उनकी मदद की थी। बात उस वक्त की है जब वह अपनी बहन की शादी कर रहे थे, तब उन्हें 20,000 रुपये की जरूरत थी। मैंने उन्हें 20,000 रुपया दिया था। बाद में उन्होंने मुझे वह रुपया लौटा भी दिया था।”

कैसी थी दोस्ती?

शेख मुबारक बताते हैं कि, “पहल हम दोनों फ्री होते थे, तो मैं उनको अपने साथ छतरपुर ले जाता था। हम दोनों साथ में ही सांस्कृतिक और राष्ट्रीय कार्यक्रमों को देखने जाया करते थे। एक साथ चाय-समोसा खाना होता था। ईद-दिवाली सब साथ मनाते थे।” धीरेंद्र शास्त्री के सौहार्दपूर्ण व्यवहार का जिक्र करते हुए शेख कहते हैं, “धीरेंद्र शास्त्री ने कुरान पढ़ा है। वह शायद अभी भी उनके पास होगा। वह ताजिया में मेरे साथ जाते थे। तब हिंदू-मुस्लिम वाली ऐसी कोई बात नहीं थी।”

हालिया बनायों पर शेख की राय

धीरेंद्र शास्त्री कई बार ऐसा बयान दे देते हैं, जिसे मुस्लिम विरोधी माना जाता है। धीरेंद्र शास्त्री के ऐसे बयानों पर शेख की राय है कि उन्हें संयम रखना चाहिए। वह कहते हैं, “अभी वह परिपक्व युवा नहीं है। वह बचपन से ही इस अंदाज में बोलते आ रहे हैं। वह अंदर से गलत नहीं हैं। बस भावनाओं में बह जाते हैं। बाद में उन्हें अपनी बात पर पछतावा भी होता है।”

वह आगे कहते हैं, “सभी जातियों में सब श्रेठ नहीं हैं। सभी समुदाय में अच्छ और बुरे दोनों तरह के लोग हैं। मुझे लगता है कि अभी उनकी उम्र कम है। लेकिन बाद में उन्हें अंदाजा हो जाएगा। हालांकि वह जो भी बोलते हैं उससे उनका उद्देश्य यह बताना होता है कि गलत करने वालों को किस भाषा में जवाब देना चाहिए।”