2018 में बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने Aspirational Districts Programme- ADP (आकांक्षी जिला कार्यक्रम) लॉन्च किया था। इसके तहत देश भर के 112 ऐसे जिले जो विकास की दौड़ में पीछे गए थे, उन्हें विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया था।

2019 के लोकसभा चुनाव में इन 112 जिलों में पड़ने वाली 115 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 64 सीटें जीती थी और उसके सहयोगी दल 17 सीटों पर जीते थे। कुल मिलाकर एनडीए यहां 81 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इन 115 सीटों में से सिर्फ 56 सीटों पर और उसके सहयोगी दल 13 सीटों पर ही जीत हासिल कर सके।

इस तरह एनडीए पिछली बार मिली 81 सीटों के मुकाबले यहां 69 सीटें ही जीत पाया।

एनडीए की सीटों में गिरावट का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को मिला है। कांग्रेस ने इन जिलों में पड़ने वाली सीटों में से 22 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि 2019 में वह 11 सीटें जीती थी। इस तरह कांग्रेस ने इस मामले में अपनी सीटों की संख्या को दोगुना किया है।

Yogi Adityanath Akhilesh Yadav
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

इंडिया गठबंधन ने 15 के मुकाबले 37 सीटें जीती

इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य राजनीतिक दल यहां इस बार 15 सीटों पर जीते जबकि पिछली बार वे सिर्फ चार सीटों पर जीते थे। इस तरह 2019 में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को 15 सीटें मिली थी लेकिन इस बार उन्होंने यहां 37 सीटें जीती हैं।

भले ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच इन जिलों में सीटों का आंकड़ा घटा और बढ़ा हो लेकिन वोट शेयर पिछली बार के बराबर ही रहा है।

एनडीए का कुल वोट शेयर गिरा

लोकसभा चुनाव 2019बीजेपी का वोट शेयरकांग्रेस का वोट शेयरएनडीए का वोट शेयरइंडिया गठबंधन का वोट शेयर
लोकसभा चुनाव 201935.42%22.9%47.23%30.45%
लोकसभा चुनाव 202435.43%24.03%44.31%37.38%

बीजेपी का वोट शेयर गिरा, जीत का अंतर हुआ कम

2019 में बीजेपी आकांक्षी जिला कार्यक्रम वाले जिलों में जिन 64 सीटों पर जीती थी उसमें से उसने इस बार 49 सीटें दोबारा जीती हैं जबकि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों को 14 सीटें मिली हैं। बीजेपी इस बार विपक्षी दलों से 6 सीटें छीनने में कामयाब रही है।

2019 के मुकाबले 49 सीटों में 33 सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर गिरा है और 20 सीटों पर उसकी जीत का अंतर भी कम हुआ है।

कांग्रेस ने इन जिलों में पड़ने वाली सीटों में इस बार 17 नई सीटें जीती हैं और इसमें से 12 सीटें ऐसी हैं जो पिछली बार बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने जीती थी। हालांकि कांग्रेस को 6 ऐसी सीटों को खोना पड़ा है जो उसने 2019 में जीती थी।

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पीएम नरेंद्र मोदी (Source- PTI)

सरकार के बड़े मंत्री हारे चुनाव

आकांक्षी जिला कार्यक्रम वाली सीटों में से बीजेपी को जहां पर बड़ी हार मिली है, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की खूंटी सीट और पूर्व भारी उद्योग मंत्री महेंद्र पांडे की चंदौली सीट भी शामिल है।

115 सीटों में से आधी सीटें सिर्फ पांच राज्यों- बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में हैं। बिहार और झारखंड में एनडीए गठबंधन सीटें जीतने के मामले में आगे रहा है जबकि मध्य प्रदेश में उसने लोकसभा की सभी 29 सीटें जीती हैं। ओडिशा में भी 21 में से 20 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की है लेकिन उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन को संघर्ष करना पड़ा है, जहां इंडिया गठबंधन ने उससे ज्यादा सीटें अपनी झोली में डाली हैं।

Aspirational Districts Programme (ADP) वाली सीटों पर कैसा रहा बीजेपी का प्रदर्शन

राज्यADP सीटों की संख्याबीजेपी ने कितनी सीटें जीती
मध्य प्रदेश 1111
गुजरात 33
हिमाचल प्रदेश 22
उत्तराखंड 22
हरियाणा 11
असम 65
छत्तीसगढ़54
ओडिशा 76
बिहार 1711
झारखंड 149
राजस्थान 53
उत्तर प्रदेश 94

ADP वाली सीटों पर कैसा रहा कांग्रेस का प्रदर्शन

राज्यADP सीटों की संख्याकांग्रेस ने कितनी सीटें जीती
कर्नाटक 33
केरल11
नागालैंड11
तेलंगाना43

ADP वाली सीटों पर इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन

राज्यADP सीटों की संख्याइंडिया गठबंधन ने कितनी सीटें जीती
तमिलनाडु33
महाराष्ट्र45

इन आकांक्षी जिलों में विकास को पांच बड़े विषयों के तहत 49 संकेतकों के जरिए मापा जाता है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, वित्तीय समावेश व कौशल विकास और बुनियादी ढांचा शामिल है। इन संकेतकों पर ये राज्य जिस तरह का प्रदर्शन करते हैं, नीति आयोग उससे जुड़ी जानकारी अपने पास रखता है।

बेहतर प्रदर्शन वाले जिले में भी एक सीट पर हारी बीजेपी

इन आकांक्षी जिलों में सबसे बेहतर प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले ने किया है। इस जिले में लोकसभा की श्रावस्ती और गोंडा सीट पड़ती है। बीजेपी ने गोंडा सीट पर तो फिर से जीत हासिल कर ली लेकिन वह श्रावस्ती में चुनाव हार गई। श्रावस्ती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा चुनाव हारे हैं। 2019 में बसपा को यहां जीत मिली थी जबकि इस बार सपा जीती है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत 10 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में पड़ने वाली 13 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 2019 में 10 सीटें जीती थी जबकि इसके सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) को एक सीट पर जीत मिली थी। लेकिन 2024 में बीजेपी के लिए इन जिलों में सीटों का आंकड़ा गिरकर 7 रह गया जबकि सपा को चार और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों को इन 13 सीटों में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी।

nda dispute| BJP| shivsena| NCP
NDA में तकरार (Source- PTI)

खराब प्रदर्शन वाले जिले में जीती उद्धव की शिवसेना

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के पवन राजेनिंबालकर फिर से इस सीट से जीते हैं। 2019 में वह यहां अविभाजित शिवसेना के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार उन्होंने यहां से अजित पवार की एनसीपी के उम्मीदवार को लगभग 7 लाख वोटों से हराया है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 10 जिलों में 14 लोकसभा सीटें पड़ती है। इसमें से बीजेपी और इसके सहयोगी दलों ने 2019 में 7 सीटें जीती थी और इसके सहयोगी दलों को चार सीटें मिली थी। इस बार बीजेपी को 8 सीटें और उसकी सहयोगी आजसू को एक सीट मिली है।

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सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 जिलों में से छह उत्तर प्रदेश में आते हैं, जहां आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से बीजेपी का शासन रहा है। जबकि अन्य जिले असम, बिहार और झारखंड में आते हैं। असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है, बिहार में एनडीए सरकार है और झारखंड में 2019 से झामुमो का शासन है।

झारखंड के तीन जिले 10 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में शामिल हैं, लेकिन छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों के जिले भी इस सूची में शामिल हैं। इन सभी पांच राज्यों में पिछले पांच सालों में कुछ समय तक विपक्षी दलों का शासन रहा है।