केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के अचानक लिए एक निर्णय ने वरिष्ठ अधिकारियों को चिंतित कर दिया है। वैष्णव (Union minister Ashwini Vaishnaw ) ने हाल ही में अपने कार्यालय से उस बजर को हटवा दिया है, जिसे दबाकर जूनियर सहायकों कार्यालय के भीतर आने का संदेश दिया जाता था और फिर काम बताया जाता था।

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कुछ दिनों बाद उन्होंने अपने मंत्रालय के कर्मचारियों को भी इसका पालन करने के लिए कहा। उनका मानना है कि यह एक पुरातन व्यवस्था है और लोगों को बजर दबाने के बजाय कुछ काम खुद करने चाहिए या जरूरत पड़ने पर फोन का इस्तेमाल करना चाहिए।

उनका पूरा कार्यालय अब बजर या कॉलिंग बेल से मुक्त है। ऐसे में वरिष्ठ नौकरशाह सोच रहे हैं कि क्या उनसे भी इस प्रथा का पालन करने की उम्मीद की जा रही है।

जब रेल मंत्री खुद ‘कवच सिस्टम’ के टेस्ट में हुए शामिल

ट्रेन एक्सीडेंट (Train Accident) को कम करने के लिए भारतीय रेलवे बड़े और बिजी रूट्स पर एक सुरक्षा कवच (Indian Railways Security Kavach) लगाने की तैयारी में है। हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम में ‘कवच सिस्टम’ की टेस्टिंग से जुड़ी कहानी बताई, जिसे सुन और देखकर सभी दंग रह गए। 

रेल मंत्री ने एक वीडियो चलाकर दिखाया, जिसमें दो ट्रेनें फुल स्पीड में आमने सामने आ रही थीं। लेकिन जैसे ही वह एक दूसरे के नजदीक पहुंची कवच सिस्टम की वजह से ऑटोमेटिक रुक गईं। और दुर्घटना नहीं हुई। यह कवच सिस्टम की टेस्टिंग का वीडियो था। और दिलचस्प यह कि टेस्टिंग के दौरान एक ट्रेन में खुद रेल मंत्री अश्निनी वैष्णव भी बैठे थे। यानी अगर टेस्ट फेल होता, तो जान भी जा सकती थी।

शनिवार को ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट में बोलते हुए वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए जो नई रूपरेखा तैयार की गई है, उसका उद्देश्य न केवल यात्रियों अनुभव में सुधार करना है बल्कि विश्व स्तरीय ट्रेनों, स्टेशनों और ट्रैकों का निर्माण करना भी है।

उन्होंने कहा, “हर साल करीब 4,500 किमी का ट्रैक नेटवर्क जोड़ा जा रहा है। 1,275 स्टेशनों के आधुनिकीकरण की योजना शुरू की जा चुकी है और 49 पर निर्माण शुरू हो चुका है।”