दक्षिण हरियाणा यानी अहीरवाल की एक सीट पर चाचा और भतीजी के बीच जोरदार सियासी लड़ाई हो सकती है। बात हो रही है कोसली सीट की। खबरों के मुताबिक, हरियाणा बीजेपी की चुनाव कमेटी ने गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के लिए अटेली और कोसली विधानसभा सीटें आरक्षित रखी हैं।
आरती राव से कहा गया है कि वह केंद्रीय चुनाव समिति को बताएं कि वह इनमें से किस सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
राव परिवार में इस सीट पर आपसी लड़ाई इसलिए हो सकती है क्योंकि कोसली सीट से राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई और पूर्व विधायक राव यदुवेंद्र सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। राव यदुवेंद्र सिंह पहले भी कोसली से विधायक रह चुके हैं।
राव यदुवेंद्र सिंह ने अपनी भतीजी आरती राव से कहा है कि वह कोसली सीट से चुनाव ना लड़ें वरना दोनों को यहां से हार का मुंह देखना पड़ सकता है।

बंट सकते हैं अहीर मतदाताओं के वोट
राव यदुवेंद्र सिंह ने कहा है कि अगर आरती राव कोसली सीट से चुनाव लड़ीं तो इससे अहीर मतदाताओं के वोटों का बंटवारा हो सकता है और इसका फायदा किसी और नेता को मिल सकता है। राव यदुवेंद्र सिंह 2014 और 2019 में भी कोसली से चुनाव लड़े थे लेकिन तब उन्हें जीत नहीं मिली थी। इस बार उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के बाद वह कोसली से चुनाव जीत सकते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
राव यदुवेंद्र सिंह को यहां कांग्रेस में भी चुनौती मिल रही है। इस सीट से पूर्व मंत्री जगदीश यादव टिकट मांग रहे हैं। जगदीश यादव बीते साल ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि पार्टी उन्हें जरूर टिकट देगी।
आरती कर चुकी हैं चुनाव लड़ने का ऐलान
यहां याद दिलाना होगा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह कई बार कह चुके हैं कि आरती राव इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। आरती भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इस तरह की चर्चा है कि आरती राव अटेली या कोसली में से किसी एक सीट से ही चुनाव लड़ेंगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अहीरवाल में बड़ा सियासी जनाधार है।
राव इंद्रजीत सिंह ने 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी आरती राव के लिए रेवाड़ी सीट से टिकट मांगा था लेकिन तब बीजेपी ने परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए उन्हें टिकट नहीं दिया था। लेकिन इस बार आरती राव खुलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं।

आरती की जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगे राव
अगर आरती राव कोसली से ही चुनाव लड़ती हैं तो निश्चित रूप से यहां पर मुकाबला जोरदार होगा क्योंकि आरती राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक वारिस हैं। राव इंद्रजीत सिंह आरती को चुनाव जिताने के लिए पूरा जोर लगाएंगे और ऐसे में एक ही परिवार के लोग चुनाव में जीत के लिए एक-दूसरे से भिड़ते दिखाई देंगे।
बड़े कद के नेता हैं राव इंद्रजीत सिंह
राव इंद्रजीत सिंह अब तक छह बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वह चार बार गुरुग्राम की सीट से और दो बार भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव जीते हैं। 2014 से पहले वह कांग्रेस में थे और यूपीए की सरकार में भी विदेश और रक्षा राज्य मंत्री जैसे बड़े पदों पर रहे हैं।
राव के पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री थे। राव हरियाणा में चार बार विधायक रहे और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।

समर्थकों के लिए भी टिकट चाहते हैं राव इंद्रजीत सिंह
राव इंद्रजीत सिंह लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं कि उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया। राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल में कम से कम 5 से 6 सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं।
अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर राव के समर्थकों की ठीक-ठाक संख्या है।