UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश में जल्द होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं। सपा के घोषित 6 उम्मीदवारों में से पांच उम्मीदवार राजनीतिक परिवारों से संबंध रखते हैं। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में इस उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन ने पूरा जोर लगाया हुआ है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे एनडीए गठबंधन के लिए बेहद खराब रहे थे और अब बीजेपी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेना चाहता है जबकि इंडिया गठबंधन अपनी जीत को बरकरार रखने के इरादे से चुनाव मैदान में उतर रहा है।
2024 में हुआ बीजेपी को बड़ा नुकसान
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
कौन हैं सपा के उम्मीदवार
सपा ने करहल सीट से तेज प्रताप यादव, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, मझवां से ज्योति बिंद और फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है। इन छह में से चार सीटें- करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी और सीसामऊ पहले से ही सपा के पास थीं।
2022 में उपचुनाव वाली सीटों के नतीजे
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 3 |
सपा | 5 |
निषाद पार्टी | 1 |
आरएलडी | 1 |
बीजेपी ने नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देने पर सपा पर हमला बोला है। बीजेपी सपा पर परिवारवाद के आरोप लगाती रही है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि उपचुनाव में उम्मीदवारों के ऐलान से यह साबित हो गया है कि यह वास्तव में परिवारवादी पार्टी ही है और उनके नेता सिर्फ एक ही परिवार से हो सकते हैं (मुलायम सिंह यादव का परिवार)।
त्रिपाठी ने कहा कि उनके कार्यकर्ता सिर्फ पार्टी के कार्यक्रमों में कालीन बिछाने और नारे लगाने के लिए होते हैं। हालांकि सपा ने इस तरह के आरोपों को निराधार ठहराते हुए पार्टी के उम्मीदवारों के नाम को सही बताया है और कहा है कि यह सभी उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं और उनकी खुद के दम पर पहचान है।
इन 10 सीटों पर होना है उपचुनाव
विधानसभा सीट का नाम | संबंधित लोकसभा |
कटेहरी | अंबेडकर नगर |
मझवां | मिर्जापुर |
मिल्कीपुर | फैजाबाद |
मीरापुर | मुजफ्फरनगर |
सीसामऊ | कानपुर नगर |
करहल | मैनपुरी |
फूलपुर | प्रयागराज |
खैर | अलीगढ़ |
कुंदरकी | मुरादाबाद |
गाजियाबाद | गाजियाबाद |
आइए जानते हैं कि सपा पर लग रहे परिवारवाद के आरोपों में कितना दम है?
अखिलेश ने भतीजे को बनाया उम्मीदवार
मैनपुरी जिले की करहल सीट 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने जीती थी लेकिन लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया और यहां से अपने भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है। तेज प्रताप यादव ने 2014 लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट से जीत दर्ज की थी। वह आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं।
सपा सांसद के बेटे हैं अजीत प्रसाद
अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर सपा ने अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। अजीत प्रसाद सपा के दलित चेहरे अवधेश प्रसाद के बेटे हैं, जिन्होंने सांसद बनने के बाद विधायक पद छोड़ दिया था। अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता लल्लू सिंह को 54,000 से ज्यादा वोटों से हराया था।
अजीत हाल ही में तब चर्चा में आए थे जब उनके खिलाफ अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। इसे लेकर बीजेपी और सपा आमने-सामने आ गए थे। यह अजीत का पहला चुनाव होगा।
लालजी वर्मा की पत्नी हैं शोभावती वर्मा
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार शोभावती वर्मा पूर्व सपा विधायक लालजी वर्मा की पत्नी हैं। लालजी वर्मा ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में अम्बेडकर नगर सीट जीतने के बाद यह सीट खाली कर दी थी।
कटेहरी सीट बसपा का गढ़ रही है। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले लालजी वर्मा बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे और सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। यह शोभावती वर्मा का पहला विधानसभा चुनाव होगा। वह जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। उम्मीदवार घोषित होने से पहले ही शोभावती वर्मा ने कटेहरी में प्रचार अभियान शुरू कर दिया था।
इरफान की पत्नी हैं नसीम सोलंकी
कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुई थी। सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। सपा को उम्मीद है कि नसीम सोलंकी को “सहानुभूति वोट” मिलेंगे। नसीम का कहना है कि यह खुशी का मौका नहीं है बल्कि “संघर्ष” का समय है।
ज्योति के पिता लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
मझवां से उम्मीदवार ज्योति बिंद सपा नेता रमेश बिंद की बेटी हैं। रमेश बिंद 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल से मिर्जापुर सीट से चुनाव हार गए थे। यह ज्योति का पहला चुनाव है। उनके पिता रमेश बिंद 2007 से 2017 तक मझवां से तीन बार बसपा के विधायक रह चुके हैं। बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और 2019 में भदोही से बीजेपी के सांसद चुने गए लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले वे सपा में शामिल हो गए थे।
प्रयागराज जिले की फूलपुर विधानसभा सीट से सपा ने मुजतबा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट बीजेपी विधायक प्रवीण पटेल के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी। मुजतबा 2022 के फूलपुर विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से प्रवीण पटेल से हारे थे।
सपा ने उम्मीदवारों के चयन के मामले में कांग्रेस को झटका दिया है। इन छह सीटों में से कुछ सीटों पर कांग्रेस भी दावा कर रही थी। बताना होगा कि हरियाणा के चुनाव नतीजों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था और इसके तुरंत बाद सपा ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार दिया था।