इतिहास के सबसे चर्चित मुगल बादशाह अकबर (Emperor Akbar) का जन्म 25 अक्टूबर, 1542 ई. को अमरकोट में हुआ था। अकबर के जन्म के वक्त उनके पिता हुमायूँ (Humayun) अमरकोट से तीस मील दूर थे। बताया जाता है कि अकबर की पैदाइश से पहले मुगल साम्राज्य के शाही ज्योतिषी मुल्ला चांद (Mulla Chand) डरे हुए थे।

दरअसल, जब अकबर की मां मरियम मकानी हमीदा बानो बेहम प्रसव पीड़ा में थी, वह मुल्ला चांद के मुताबिक अशुभ घड़ी थी। तब उन्होंने कहा था, “बस चंद लम्हों में ऐसा वक्त आएगा जो हजार साल में भी एक बार नहीं आता। क्या ये पैदाइश जरा रुक के हो सकती है?”

बाहर यह सब चल रहा था, तभी अकबर की मां की तबीयत थोड़ी बिगड़ गयी और वह नींद में चली गयीं। इस तरह वो चंद अशुभ घड़ियां गुजर गईं जिनसे मौलाना डर रहे थे।

कई लोगों ने बनाई थी अकबर की जन्मकुंडली

खानदान के बुजुर्ग अहमदे जाम के कहे अनुसार हुमायूं ने अपने बेटे का नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा। राजकमल से प्रकाशित शाज़ी ज़माँ की किताब ‘अकबर’ के मुताबिक हुमायूँ ने अपने बेटे की जन्मकुंडली कई लोगों से बनवाई थी।

सबसे पहले मुल्ला चांद ने यूनानी तरीके से कुंडली बनाई। फिर ज्योतिषी ज्योतिक राय ने हिंदुस्तानी तरीके से एक जन्मकुंडली बनाई। मुल्ला चांद ने माना कि अकबर का लग्न कन्या राशि में है। ज्योतिषी जोतिक राय ने जो कुंडली बनाई उसके मुताबिक, अकबर का लग्न सिंह राशि में था।

फंस गया पेंच

दो अलग-अलग ज्योतिषियों की अलग-अलग कुंडली के बाद गणित के माहिर मीर फतहुल्ला शीराजी ने फारसी और यूनानी तरीकों को देख-परख कर माना कि लग्न सिंह राशि में ही है। शेख अबुल फजल ने लिखा कि हिंदुस्तानी ज्योतिष के मुताबिक, ”सिंह राशि में लग्न होने का मतलब है जातक में पूरी ताकत होना और उसका सबसे बड़ा होना। इस लग्न का स्वामी सूर्य है जो आम लोगों से ज्यादा हुक्मरानों पर हेरबान रहता है। साफ लक्षण है कि जातक नामी राजाओं और ताकतवर सिपहसालारों पर भारी पड़ेंगे। रोजबरोज उनकी हुकूमत की बुनियाद मजबूत होती जाएगी।”

कमरे का दरवाजा बंद कर नाचने लगे हुमायूँ

लगभग सभी ज्योतिषियों की बनाई जन्मकुंडली में अकबर को यशस्वी बताया गया था। मुगल बादशाह हुमायूँ के करीबी लोग कहते थे कि जब उन्होंने कुंडली देखी और उस पर गौर किया तो वह कई बार अपने कमरे के दरवाजे को बंद करके खुशी से घूम-घूम कर नाचे। कहते हैं, ”कई मायने में ये कुंडली साहिबे किरान अमीर तैमूर की कुंडली से भी बेहतर है।”