विवादास्पद इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और उसकी सम्पत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार दी। एनआईए ने कहा कि नाइक को भगोड़ा घोषित करने का आदेश हाल में मुम्बई की एक विशेष अदालत ने जारी किया था जिसके बाद ‘‘दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत’’ उसकी सम्पत्तियां कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नाइक के खिलाफ एनआईए आतंकवाद एवं धनशोधन आरोपों के तहत जांच कर रही है।

बता दें कि नाइक एक जुलाई 2016 को तब भारत से भाग गया था जब पड़ोसी देश बांग्लादेश में आतंकवादियों ने दावा किया कि वे जेहाद शुरू करने को लेकर उसके भाषणों से प्रेरित हुए थे।

एक आनलाइन पोर्टल ‘मिडल ईस्ट मॉनिटर’ के अनुसार नाइक को सऊदी अरब ने पहले ही नागरिकता प्रदान कर दी है। यद्यपि इस दावे की अभी तक कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पायी है। नाइक ने अपना पासपोर्ट जनवरी 2016 में 10 वर्ष के लिए नवीनीकृत कराया था। एनआईए ने 18 नवम्बर 2016 को अपनी मुम्बई शाखा में विवादास्पद प्रचारक नाइक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

कुछ जानकारी ऐसी भी मिल रही है कि वर्तमान में उसके ठिकाने का पता नहीं है और समझा जाता है कि वह यूएई, सऊदी अरब, अफ्रीकी ओर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच यात्राएं करता रहता है। विवादास्पद प्रचारक पर आरोप है कि उसने भड़काऊ भाषण के माध्यम से नफरत फैलाई, आतंकवादियों का वित्त पोषण किया और इन वर्षों में कई करोड़ रुपये का धनशोधन किया।

पड़ोसी देश बांग्लादेश में आतंकवादियों ने दावा किया था कि वे नाईक के भाषणों से प्रेरित होकर जिहाद कर रहे थे जिसके बाद एक जुलाई 2016 को वह भारत से फरार हो गया था। उल्लेखनीय है कि जाकिर नाईक वर्तमान में विदेश में हैं। उनके खिलाफ कई एजेंसियां इस्‍लामिक स्‍टेट से जुड़े आतंकियों को ढाका में हमला करने के लिए उकसाने के मामले की जांच कर रही है। यह आरोप लगने के बाद से नाईक भारत नहीं आए हैं।

ढाका हमले से जुड़े कुछ आतंकी जाकिर नाईक से प्रेरित थे। इसके बाद से जाकिर नाईक पर शिकंजा कस गया था। बांग्‍लादेश सरकार ने नाईक की पीस टीवी पर बैन लगा दिया था। वहीं भारत सरकार ने भी जांच के आदेश दे दिए थे।