Bangladesh News: बांग्लादेश से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर जहांगीरनगर यूनिवर्सिटी के गर्ल्स रेजिडेंशियल हॉल में एक लड़के को पकड़ा गया है। वह महिलाओं के कपड़े पहनकर हॉल में घुसा था। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और उसकी पहचान अशरफुल इस्लाम परवेज उर्फ ​​यजबर परवेज के तौर पर हुई है। वह चटगांव के अगराबाद का रहने वाला है। कथित तौर पर उसने यूनिवर्सिटी के ड्रामा व ड्रामास्टिक की फर्स्ट ईअर की छात्रा की मदद से हॉल में एंट्री की थी।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा का पूरा वाकया रात करीब 10 बजे हुआ था। उस समय कुछ लोगों ने संदिग्ध शख्स को घूंघट में देखा। इसके बाद हॉल के अधिकारियों को जानकारी दी गई। हॉल के अधिकारियों ने तुरंत सीसीटीवी फुटेज की जांच की और पता चला कि परवेज हॉल में एंट्री कर रहा है। इसके बाद हॉल के सुपरिटेंडेंट ने बाकी स्टाफ के साथ मिलकर उसे छात्रा के कमरे से पकड़ा।

स्नो फेस्टिवल में शामिल होने आया था शख्स

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुस्साए लोगों ने परवेज को साड़ी पहनाई। इतना ही नहीं उसके माथे पर बिंदी लगाई और फिर उसे हॉल प्रोवोस्ट और यूनिवर्सिटी प्रॉक्टोरियल टीम की मौजूदगी में पुलिस को सौंप दिया। परवेज ने शुरुआती पूछताछ के दौरान दावा किया कि मैं यूनिवर्सिटी के स्नो फेस्टिवल में शामिल होने आया था। रहने के लिए कोई जगह ना होने के कारण मैंने खुद को चादर में लेपटा और हॉल में घुस गया।

बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

छात्रा ने परवेज को हॉल में दिलाई एंट्री

जिस छात्रा के कमरे में वह मिला था उसने कहा, ‘मैं उसे यहां लेकर आई थी क्योंकि उसके पास रात को रुकने के लिए कोई जगह नहीं थी।’ नवाब फैजुन्निसा हॉल की सुपरिटेंडेंट नादिया सुल्ताना ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि छात्रों से जानकारी मिलने के बाद मैं कमरे में गई और आरोपी को बिस्तर पर बैठा पाया। हॉल प्रोवोस्ट और प्रॉक्टोरियल टीम को तुरंत सूचित किया गया।

हॉल प्रोवोस्ट प्रोफेसर जहांगीर आलम ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टोरियल निकाय को सौंप दिया गया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रोफेसर एकेएम रशीदुल आलम ने कहा कि शख्स को कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दिया गया है, जबकि छात्रा को यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश के संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म शब्द को हटाने की क्यों उठ रही मांग? पढ़ें पूरी खबर…