बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। उस्मान हादी की हत्या के बाद से देश एक बार फिर हिंसा की आग में झुलसता नजर आ रहा है और हालात लगातार बिगड़ते चले गए हैं। कई इलाकों में तनाव बना हुआ है और प्रशासन के लिए स्थिति संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

शनिवार को उस्मान हादी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके जनाज़े में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान मोहम्मद यूनुस बेहद भावुक नजर आए। मोहम्मद यूनुस ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उस्मान हादी सभी के दिलों में बसते हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज उन्हें याद कर रहा है और बांग्लादेश के लिए उन्होंने जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

यूनुस ने आगे कहा कि उस्मान हादी कहीं नहीं जा रहे हैं। उनके विचार और उनके संदेश हमेशा लोगों के मन और कानों में गूंजते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश के लोग और आने वाली हर पीढ़ी उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करती रहेगी।

कौन है उस्मान हादी?

अगर इंकलाब मंच के इतिहास पर नजर डालें, तो यह संगठन दक्षिणपंथी राजनीतिक गतिविधियों से प्रेरित रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन में भी इंकलाब मंच और उस्मान हादी की अहम भूमिका बताई जाती है। उस्मान हादी समय-समय पर अपने भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहा। इसी साल जुलाई में उसने शेख हसीना की पार्टी को बैन करने की मांग भी उठाई थी।

उस्मान हादी के भारत विरोधी रुख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने कुछ समय पहले ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक नक्शा तैयार किया था। इस नक्शे को लेकर सबसे बड़ा विवाद यह था कि इसमें भारत के कुछ हिस्सों को भी बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया था।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, उस्मान हादी लोकतंत्र से ज्यादा इस्लामी न्याय व्यवस्था पर विश्वास करता था। उसका मानना था कि गलत करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। यही विचारधारा बांग्लादेश के युवाओं के एक बड़े वर्ग में तेजी से लोकप्रिय हो रही थी, क्योंकि उन्हें लगता था कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के जरिए उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।

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