Bangladesh News: बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में उसके भाई ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि आगामी चुनावों को पटरी से उतारने के लिए साजिश रची गई है। शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश में पहली बार राष्ट्रीय चुनाव 12 फरवरी को होंगे।
द डेली स्टार के मुताबिक, शरीफ उमर हादी ने ढाका के शाहबाग स्थित नेशनल म्यूजियम के सामने इंकलाब मंचो द्वारा आयोजित “शाहिदी शोपोथ” कार्यक्रम में भाषण देते हुए आरोप लगाया, “आपने उस्मान हादी की हत्या करवाई और अब आप इसे मुद्दा बनाकर चुनाव को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
फरवरी तक चुनाव कराने के पक्षधर थे उस्मान हादी- उमर
उमर हादी ने कहा कि उनके भाई फरवरी तक चुनाव कराने के पक्षधर थे और इसके लिए जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। उमर हादी ने कहा, “उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए, हम मांग करते हैं कि चुनाव के माहौल में कोई बाधा न डाली जाए।” इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने अब तक न्याय दिलाने में कोई प्रगति नहीं दिखाई है।
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विदेशी आकाओं के सामने झुकने से मना कर दिया- उमर हादी
उमर हादी ने दावा किया कि उस्मान हादी को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने किसी भी एजेंसी या विदेशी आकाओं के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। उमर हादी ने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं मिला तो एक दिन दोषियों को देश छोड़कर भागना पड़ेगा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने शपथ ली और कहा कि जब तक जल्दी न्याय नहीं मिल जाता, वे सड़कों से नहीं हटेंगे।
इंकलाब मंचो के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने आरोप लगाया है कि उस्मान की हत्या जुलाई विद्रोह की उपलब्धियों और बांग्लादेश की संप्रभुता को नष्ट करने की गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उस्मान की हत्या में इंटरनेशनल इंटेलिजेंस एजेंसियां और देश के अंदर सक्रिय फासीवादी सहयोगी शामिल थे। जाबेर ने यह भी मांग की कि सरकार तय समय के अंदर जांच करके हत्यारों को जनता के सामने पेश करे, वरना वे अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे।
उस्मान हादी की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन
2024 के जुलाई विद्रोह के बाद अस्तित्व में आए सांस्कृतिक संगठन इंकलाब मंचो के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में गोली मार दी गई। हादी को विमान से सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए। इसमें भीड़ ने कई मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया।
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