Talal Abdo Mahdi Murder: केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगने से उसके परिवार वालों ने तो राहत की सांस ली है लेकिन जिस शख्स की हत्या के मामले में प्रिया को फांसी की सजा सुनाई गई है, उसके परिवार का इस मामले में सख्त रुख बरकरार है। बताना होगा कि केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। यह सजा 2017 में हुई तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए सुनाई गई है।
यमन प्रशासन ने 14 जुलाई को एक आदेश जारी कर कहा कि निमिषा प्रिया की फांसी को नई तारीख घोषित होने तक टाल दिया गया है। HT के मुताबिक, केरल के सुन्नी धर्मगुरु कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने कहा कि उन्होंने परिवार की ओर से यमन के प्रमुख विद्वानों से बात की है।
निमिषा प्रिया की फांसी स्थगित किए जाने से पहले उसके परिवार ने बीबीसी को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने साफ कर दिया था कि वह निमिषा के लिए मौत की सजा से कम किसी भी सजा पर राजी नहीं होंगे।
तलाल अब्दो महदी के भाई अब्देलफत्ताह महदी ने सोमवार को बीबीसी अरबी को बताया था, ‘सुलह की कोशिशों को लेकर हमारा स्टैंड साफ है, प्रयासों पर हमारा रुख साफ है, हम Qisas (जैसे को तैसा बदला) के तहत ईश्वर के कानून को लागू करने पर डटे हुए हैं और कुछ नहीं।’
‘अगर उसकी जान चली जाती है तो यह दुखद होगा’
अब्देलफत्ताह महदी का कहना था कि उनके परिवार को न केवल इस अपराध से बल्कि लंबी और थका देने वाली मुकदमेबाजी की प्रक्रिया से भी बहुत दर्द पहुंचा है।
नौकरी की तलाश में यमन गई थी निमिषा
निमिषा 19 साल की उम्र में 2008 में नर्सिंग की नौकरी की तलाश में यमन गई थी। 2020 में एक स्थानीय अदालत ने उसे महदी को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसकी हत्या करने का दोषी पाया था।
निमिषा ने तलाल के साथ पार्टनरशिप में एक क्लिनिक शुरू किया था। निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए तलाल को बेहोश कर दिया था। निमिषा का दावा है कि तलाल ने उसका शारीरिक और आर्थिक शोषण किया और उसे यह अपराध करने के लिए मजबूर किया गया लेकिन ओवरडोज के कारण तलाल की मौत हो गई।
निमिषा का कहना था कि तलाल ने उसका पासपोर्ट अपने पास ही रखा हुआ था।