यमन में पिछले एक साल चल रहे संघर्ष के सभी पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में किए गए संघर्ष विराम का पालन करने का संकल्प लिया है। यह संघर्ष विराम रविवार (10 अप्रैल) आधी रात से लागू हो गया। इसके कारण एक स्थायी शांति समझौते तक पहुंचने के लिए नई वार्ता से पहले सकारात्मक माहौल तैयार हुआ है। पिछले एक साल से चल रहे संघर्षों में हजारों लोग मारे गए हैं और 24 लाख लोग विस्थापित हुए है और ये लोग यमन के पड़ोसी देशों में जाकर रहने को मजबूर हो गए हैं। राष्ट्रपति अब्दराब्बुह मंसूर हादी के वफादार बलों के चीफ ऑफ स्टाफ ने पुष्टि की है कि अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात नौ बजे से ‘‘संघर्ष विराम लागू हो गया।’’
जनरल मोहम्मद अली अल मकदाशी ने संवाददाताओं से कहा कि यदि हुती विद्रोही संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करते तो वे इसका सम्मान करेंगे। सउदी नीत गठबंधन के पिछले वर्ष मार्च में हादी सरकार के समर्थन में हवाई हमले शुरू करने के कारण संघर्ष विराम की तीन कोशिशें पहले असफल रह चुकी हैं। गठबंधन ने उस समय हस्तक्षेप किया था जब जैदी शिया हुतियों ने सितंबर 2014 में राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और इसके बाद वे अन्य क्षेत्रों में बढ़ गए थे।
एक साल से चल रहे संघर्षों के बाद से अरब प्रायद्वीप देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। देश में हिंसा समाप्त करने के लिए दबाव बना है। विद्रोहियों द्वारा संचालित सबा समाचार एजेंसी की विज्ञप्ति के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के वफादार बलों के साथ ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने पूरे यमन में ‘‘जमीनी, समुद्री और हवाई सैन्य अभियानों पर विराम लगाने’’ की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा था।
गठबंधन के प्रवक्ता बिग्रेडियर जनरल अहमद अल असीरी ने कहा कि संघर्ष विराम की पूर्व में की गई कोशिशों के विपरीत कुछ हुती नेताओं ने एक संयुक्त समिति पर वफादार बलों के साथ बैठक की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों पक्ष संघर्ष विराम का पालन करें। उन्होंने कहा, ‘‘और वे जमीन पर सभी कर्मियों पर नजर रखेंगे कि संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं किया जाए।’’
उन्होंने बताया कि इस समिति पर गठबंधन नजर रख रहा है। गठबंधन ने भी संघर्ष विराम का पालन करने का संकल्प लिया है। असिरी ने कहा, ‘‘हमने बलों को आदेश जारी कर दिए हैं कि वे मध्यरात्रि से संघर्ष विराम का सम्मान करें।’’ लेकिन अरब गठबंधन ने कहा कि उसके पास किसी विद्रोही उल्लंघन पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार है। अधिकार समूहों ने गठबंधन बमबारी में आम लोगों के मारे जाने की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत इस्माईल ओ शेख अहमद ने कुवैत में 18 अप्रैल को शांति वार्ताओं से पहले पिछले महीने संघर्ष विराम की घोषणा की थी।