भारत समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों में अपने नागरिकों पर सरकार कई तरह के टैक्स (कर) लगता है। टैक्स भी कई प्रकार से लगाए जाते हैं। एक तो तय सीमा से अधिक कमाई करने वाले लोगों पर अलग तरह से आयकर लगता है तो कमाई के कुछ ऐसे जरिए हैं जिसपर बिना बताए ही सरकार लोगों से टैक्स ले लेती है। ऐसा कहा जाता है कि एक सामान्य खाद्य सामान से लेकर हर छोटी बड़ी चीज पर टैक्स लगाया जाता है। हालांकि दुनिया में ही कई ऐसी भी देश है जहां उनके नागरिकों पर किसी भी तरह का आयकर नहीं लगता है। जिसके वजह से उनका पूरी कमाई उनके खाते में रहती है।
भारत जैसे विकासशील देश में टैक्स हर साल बढ़ता जा रहा है। लोगों द्वारा मेहनत से कमाए गए पैसों का अधिकांश हिस्सा टैक्स के जरिए सरकार के खाते में चला जाता है। हालांकि खाड़ी देशों से लेकर यूरोपीय और कई एशिया द्वीप के भी देश ऐसे हैं वहां के नागरिकों पर इनकम टैक्स नहीं लगता। खाड़ी देशों की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, कतर, बहरीन, ओमान और कुवैत हैं, जहां लोगों को आय या वेतन पर किसी भी तरह का प्रत्यक्ष कर नहीं देना होता है। वहां की सरकारें आयकर की बजाय तेल और गैस भंडार के लिए, पर्यटन क्षेत्र और वैट टैक्स जैसे अप्रत्यक्ष करों से प्राप्त होने वाले राजस्व पर हर कोई निर्भर होता है।
बहामास, ब्रुनेई जैसे देशों मे भी नहीं लगता टैक्स
वहां के लोगों द्वारा बनाई गई ये व्यवस्था एक अनूठी आर्थिक संरचना को दर्शाती है जो उनकी आबादी को वास्तव में कर मुक्त जीवन जीने का अवसर देती है। वहीं यूएई जैसे देश तेल और फलते-फूलते पर्यटन उद्योग से अपनी कमाई करते हैं। वहां की बढ़ती आर्थिक शक्ति इस बात को सुनिश्चित करती है कि वहां के निवासियों को आय कर नहीं देना पढ़े। संयुक्त अरब अमीरात को एक वैश्विक पहचान वहां के पर्यटन के वजह से मिली है, जो दुनियाभर के लोगों खूब आकर्षित भी करता है।
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इसके साथ ही ब्रुनेई, मोनाको, नाउरू और बहामास सहित एशिया और यूरोप के कई छोटे बड़े देशों में इनकम टैक्स नहीं लगता है। ब्रुनेई की मजबूत नेचुरल गैस और तेल की आय, नाउरू तथा बहामास की पर्यटन लोगों को खूब आकर्षित करती है। जो इन देशों को पर्याप्त राजस्व भी प्रदान करती है। इस वजह से यहां पर सरकार व्यक्तिगत इनकम टैक्स नहीं लगाती है।