ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण कुछ ही हफ्तों में चले जाते हैं, लेकिन कुछ के लिए यह लड़ाई लंबी होती है और उन्हें ठीक होने में काफी ज्यादा समय लग जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ रही एक महिला की 2 साल बाद सूंघने की शक्ति वापस आई है। इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में एक महिला ने जब कॉफी को सूंघा तो उसके आंसू छलक पड़े। महिला दो साल से बिना किसी स्मेल और टेस्ट के खाना खा रही थी। वायरल वीडियो में वह कॉफी सूंघते हुए रो पड़ीं क्योंकि दो साल से ना तो उन्हें किसी चीज की स्मेल आती थी और ना ही उन्हें कुछ खाने पर टेस्ट आता था।

इंस्टाग्राम पर क्लीवलैंड क्लीनिक ने यह वीडियो शेयर किया है। वीडियो में महिला ने हाथ में एक कॉफी का कप लिया है। उन्होंने कप को अपनी नाक के पास रखा है और जब वह इसकी स्मेल को सूंघ पाती हैं तो रो पड़ती हैं। महिला ने रोते हुए कहा, “मैं इसको स्मेल कर सकती हूं।” अमेरिका की रहने वाली जेनिफर हेंडरसन 2 साल पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं और इतने लंबे समय से वह कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रही थीं।

यूएसए टुडे पोस्ट के मुताबिक, महिला जनवरी, 2021 में कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं। इससे एक हफ्ते पहले उन्हें कोविड-19 के लक्षण महसूस हुए थे। तब से वह पेरोस्मिया और डिज्यूसिया की स्थिति से पीड़ित हैं, जिसमें सूंघने और टेस्ट की इंद्रियां पूरी तरह से विकृत हो जाती हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, “2 साल तक जेनिफर हेंडरसन सूंघने की क्षमता खो चुकी थीं। खाना कचरे की तरह खा रही थीं। वह लंबे समय से कोरोना से पीड़ित थीं। उन्हें एक खास तरह का इंजेक्शन दिया गया था। इसके थोड़े समय बाद उन्होंने फिर से स्मेल और टेस्ट का अनुभव किया।”

इस वीडियो को लाखों लोगों ने शेयर किया है और कई यूजर्स ने अपने अनुभव शेयर करते हुए लोगों से अपील की कि इन इंद्रियों को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आपके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। एक यूजर ने कहा, मैं सूंघने और टेस्ट करने की शक्ति खो चुकी थी। यह बहुत ज्यादा कष्टदायक था। उन्होंने कहा, “जब ऐसा होता है तो आपको पता नहीं चलता था कि परिवार के लिए जो खाना बनाया है उसका टेस्ट कैसा है और वह अच्छा भी है या नहीं। इस वजह से बाहर जाकर खाने का मन नहीं करता था। इन चीजों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये हमारी मानसिक स्थिति के लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं।”