दक्षिण अफ्रीका ने अपने चार प्रांतों में सेना तैनात कर दी है। बीते पांच दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में सामान ले जा रहे करीब 21 ट्रकों में आग लगने की घटना के बाद शुक्रवार को सरकार ने सेना तैनात करने का फैसला किया है। सरकार का यह कदम एक अदालत के फैसले पर हिंसा के बीच आया है। कोर्ट के फैसले के कारण पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को वापस जेल भेजा जा सकता है। हालांकि अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि दोनों मुद्दे जुड़े हुए हैं।
सड़कों पर सेना की तैनाती
देश के कुछ हिस्सों में पुलिस की सहायता के लिए सैनिकों की तैनाती दक्षिण अफ्रीका की शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के एक दिन बाद हुई है। हालांकि अफ्रीका के डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शन ने यह नहीं बताया कि जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के लिए बाकी सजा काटने के लिए वापस जेल भेजने (15 महीने की) का आदेश देगा। लेकिन दो साल पहले जब उन्हें जेल हुई थी, तब हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसमें 350 से अधिक लोग मारे गए थे। बता दें कि यह दक्षिण अफ़्रीका में 30 वर्षों में हुई सबसे भीषण हिंसा थी।
पुलिस ने कहा कि उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ट्रकों में आग लगाने की घटना 2021 की अशांति से जुड़ी थी। हालांकि जैकब जुमा के मामले में फैसले ने स्पष्ट रूप से देश को खतरे में डाल दिया है। ट्रक जलाने की घटना रविवार को शुरू हुई। ठीक इसी दिन दो साल पहले वहां 2021 में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था।
देश में नहीं हैं पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा
पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के प्रवक्ता मज़वानेले मनयी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 81 वर्षीय जुमा दक्षिण अफ्रीका में नहीं हैं और एक बीमारी के इलाज के लिए रूस गए हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कब वापसी आयेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि ट्रक पर हुए हमलों का मकसद नहीं पता चला है। पुलिस 12 लोगों की तलाश कर रही है जो हमलों के आरोपी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई मामलों में हथियारबंद लोगों ने ड्राइवरों को उनके ट्रकों से बाहर निकाला और फिर ट्रक को बीचोबीच जला दिया।
