Who is Syed Refaat Ahmed: हाईकोर्ट के जस्टिस सैयद रेफात अहमद को बांग्लादेश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत सैयद रेफात अहमद को बांग्लादेश का नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया है। इससे पहले आज मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। छात्रों ने कोर्ट परिसर की तरफ मार्च किया और अवामी लीग के प्रति वफादार बाकी न्यायधीशों और देश की न्यायपालिका के पुनर्गठन की मांग भी की थी।
आज दोपहर बाद पूर्व चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन के इस्तीफे के बाद अपीलीय डिवीजन के पांच जजों ने भी इस्तीफा दे दिया। जिन पांच जजों ने इस्तीफा दिया उनमें जस्टिस एम इनायतुर रहीम, जस्टिस जहांगीर हुसैन, जस्टिस मोहम्मद अबू जफर सिद्दीकी, जस्टिस मोहम्मद शाहीनुर इस्लाम और जस्टिस कशीफा हुसैन का नाम शामिल है।
कौन हैं जस्टिस सैयद रेफात अहमद
जस्टिस सैयद रेफात अहमद का जन्म 28 दिसंबर 1958 को हुआ था। उनके पिता बैरिस्टर सैयद इश्तियाक अहमद बांग्लादेश के पूर्व अटॉर्नी जनरल थे। उनकी मां डॉ सूफिया अहमद ढाका यूनिवर्सिटी में नेशनल प्रोफेसर और इस्लामिक स्टडीज की प्रोफेसर थीं। रेफात अहमद ने ढाका यूनिवर्सिटी से बेचलर ऑफ लॉ में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने 1983 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वाधम कॉलेज से न्यायशास्त्र में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की।
1984 में रेफात अहमद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकील बन गए। 1986 में वे उच्च न्यायालय के वकील बन गए। उन्होंने हांगकांग और वाशिंगटन डीसी में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र हाईकमीशन के तौर पर भी काम किया। 27 अप्रैल 2003 को उन्हें बांग्लादेश हाईकोर्ट का एडिशनल जस्टिस नियुक्त किया गया था और 27 अप्रैल 2005 को वे हाईकोर्ट में स्थायी जज भी बन गए।
ढाका यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी दिया इस्तीफा
बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के छात्रों के विरोध प्रदर्शन की वजह से इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद ढाका यूनिवर्सिटी के कुलपति एएसएम मकसूद कमाल ने भी कुछ निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कमल ने पिछले साल ही कुलपति का पदभार संभाला था। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा अंतरिम सरकार को भेज दिया है। कमाल इससे पहले ढाका यूनिवर्सिटी में अवामी लीग के द्वारा समर्थन किए जा रहे टीचर एसोसिएशन ब्लू पैनल के संयोजक थे। वहीं हिंदू बंगाली समुदाय के सदस्यों ने हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों पर हमलों के विरोध में ढाका, शरीयतपुर और कई दूसरे शहरों में भी रैलियां निकालीं।