Who is Prince Hisahito: जापान के प्रिंस हिसाहितो 6 सितंबर को 18 साल के हो गए हैं। वे शाही परिवार से पिछले 4 दशकों में व्यस्क होने वाले अकेले पुरुष हैं। यह उस परिवार के लिए बेहद ही जरूरी है जिसने करीब एक सहस्राब्दी से भी ज्यादा वक्त तक शासन किया है। लेकिन वह भी बढ़ती उम्र और घटती आबादी की परेशानी से जूझ रहा है। प्रिंस हिसाहितो शाही परिवार के सबसे युवा सदस्य हैं। 17 सदस्यों वाले शाही परिवार में महज चार ही पुरुष हैं।

हिसाहितो जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और क्राउन प्रिंसेस किको के बेटे और जापान के सम्राट नारुहितो के भतीजे हैं। बता दें कि हिसाहितो से पहले उनके पिता ही 1985 में व्यस्क हुए थे। उस वक्त व्यस्क होने की उम्र 20 साल थी। बाद में इसे बदल कर 18 साल कर दिया गया है। सम्राट नारुहितो और क्राउन प्रिंस अकिशिनो के बाद प्रिंस हिसाहितो ही जापान के राजसिंहासन के उत्तराधिकारी होंगे।

क्या है इंपीरियल हाउस कानून

1947 का इंपीरियल हाउस कानून केवल पुरुष को ही सिंहासन पर बैठने की इजाजत देता है और आम लोगों से शादी करने वाली महिला शाही सदस्यों को अपना शाही दर्जा खोने के लिए मजबूर करता है। उनकी बड़ी चचेरी बहन राजकुमारी ऐको, नारुहितो और उनकी पत्नी मासाको की इकलौती संतान भविष्य की महारानी के रूप में आम जनता की पसंदीदा हैं। नारुहितो सम्राट हैं। उनके भाई अकिशिनो दूसरे नंबर पर आते हैं। अकिशिनो के बेटे हिसाहितो का नंबर उसके बाद में आता है।

Top 5 Largest Economies in World: दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कौन सी हैं? जानें अमीर देशों में किस नंबर पर भारत

हिसाहितो ने एक बयान में कहा कि अभी मैं हाई स्कूल में अपने बचे हुए समय का मजा लेना चाहता हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें लंबे समय से कीड़ों में दिलचस्पी रही है। हिसाहितो ने कहा कि समय बहुत ही जल्दी बीत जाता है। जनवरी 2022 में एक्सपर्ट के एक बड़े पैनल ने सिफारिश की थी कि सरकार शाही परिवार के अंदर घटती आबादी को रोकने के लिए महिला सदस्यों को शादी के बाद शाही दर्जा बनाए रखने की इजाजत देने का प्रस्ताव रखे।

शाही परिवार में कुल कितने सदस्य

शाही परिवार के कुल 17 सदस्य हैं। पांच राजकुमारियों ने वर नहीं मिलने के कारण शादी ही नहीं की। इसकी एक दूसरी वजह यह भी है कि साल 1965 से 2006 तक जापान के राज परिवार में एक भी लड़के का जन्म नहीं हुआ। साल 2006 में ही राजकुमार हिसाहितों का जन्म हुआ था।