Israel-Iran Conflict: इजरायल के द्वारा ईरान पर किए गए हमलों को लेकर मिडिल ईस्ट में एक बार फिर तनाव के हालात बन गए हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। इजरायल ने दावा किया है कि इन हमलों में ईरान के आर्म्ड फोर्सेस के चीफ मोहम्मद बघेरी की मौत हो गई है।
हालात को देखते हुए ईरान और इजराइल में स्थित भारतीय दूतावासों ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्हें गैर जरूरी सफर करने से बचने के लिए कहा गया है। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि इजरायल की ओर से किए गए हमलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है लेकिन ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा अमेरिका भी नतीजों के लिए जिम्मेदार होगा।
इजरायल के हमलों के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान के खतरे का मुकाबला करने के लिए उनके देश ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया है।
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आइए जानते हैं कि ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद हुसैन बघेरी कौन हैं?
बघेरी का जन्म 1958-1960 के आसपास तेहरान में हुआ। वह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) में एक सीनियर मिलिट्री अफसर थे। 2016 में मोहम्मद बघेरी ईरान में आर्म्ड फोर्सेज के चीफ बने थे। यह पद ईरान की सेना में सबसे बड़ा पद है। उन्हें मिलिट्री इंटेलिजेंस ऑपरेशन का एक्सपर्ट माना जाता है।
आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज 13 जून 2025, Aaj Ki Taaja Khabar LIVE
बघेरी 1980 में आईआरजीसी में शामिल हुए थे और ईरान-इराक के युद्ध के दौरान भी उन्होंने लड़ाई लड़ी थी। उनके पास पॉलीटिकल ज्योग्राफी में पीएचडी की डिग्री है।
साल 2022-23 के दौरान जब ईरान में महसा अमिनी की मौत के मामले में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, तब उन पर आरोप लगे थे कि वह मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल हैं। उनके बड़े भाई हसन बघेरी भी आईआरजीसी में कमांडर थे और ईरान-इराक युद्ध के दौरान मारे गए थे।
न्यूज एजेंसी AP ने बताया कि ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा है कि इजरायली हमलों में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ जनरल होसैन सलामी की भी मौत हो गई है।
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