Who Is Khaled Mashal: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद अब सवाल उठ रहा है कि उसका उत्तराधिकारी कौन होगा? आखिर उसकी मौत के बाद हमास चीफ कौन बनेगा? यह एक ऐसा सवाल है जिसको हर कोई जानना चाहता है। ऐसे में हानिया की जगह लेने के लिए खालिद मेशाल का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। जिसको हानिया का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। हमास का आतंकी खालिद मेशाल इतना खतरनाक है कि उसके कारनामे सुन आपके होश उड़ जाएंगे।
खालिद मेशाल का जन्म 28 मई 1956 को वेस्ट बैंक में रामल्लाह के करीब सिलवाड में हुआ था। कथित तौर पर इस्माइल हानिया की मौत के लिए इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने बताया है कि इस्माइल हानिया पर हुए हमले की अभी तक सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि, इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
इस्माइल हानिया हमास का राजनीतिक चीफ था, अब इसका उत्तराधिकारी हमास के वरिष्ठ सदस्य खालिद मेशाल को बनाया जा सकता है। गाजा के फिलिस्तीनी इलाके को चलाने वाले हमास के एक अन्य अधिकारी खलील अल-हया का भी नाम इस दौड़ में सामने आ रहा है। फिलहाल, खालिद मेशाल का नाम इस दौड़ में सबसे आगे है। मेशाल का जन्म साल 1956 में रामल्लाह के पास सिलवाड में हुआ था और यह 15 साल की उम्र में ही मिस्र के सुन्नी इस्लामवादी संगठन ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ में शामिल हो गया था।
हमास के गठन में शामिल रहा खालिद मेशाल
खालिद मेशाल साल 1987 में हमास के गठन में भी शामिल था। खालिद मेशाल साल 1992 में हमास के पोलित ब्यूरो का संस्थापक सदस्य बना था और इसने साल 1996 से 2017 तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली। कार्यकाल खत्म होने के बाद इसने अपने पद को छोड़ दिया था और इसी पद पर इस्माइल हानिया को तैनात किया गया था। खालिद मेशाल मौजूदा समय में 68 साल का है और इसने ज्यादातर अपनी जिम्मेदारी विदेशों में रहकर निभाई।
खालिद को मारने के लिए दिया जा चुका जहर का इंजेक्शन
साल 2004 से 2012 के बीच खालिद सीरिया की राजधानी दमिश्क में रहकर हमास को चला रहा था। अब वह कतर और मिस्र में रहकर हमास के लिए काम करता है। बताया जाता है कि साल 1997 में इजरायली एजेंटों ने इसे जॉर्डन की राजधानी अम्मान में कार्यालय के बाहर जहर का इंजेक्शन दे दिया था। इस घटना के बाद इजरायल और जॉर्डन के बीच राजनयिक संकट पैदा हो गया था, लेकिन इस इंजेक्शन से भी खालिद मेशाल की मौत नहीं हुई। खालिद मेशाल को सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर माना जाता है। हमास की स्थापना के बाद साल 1994 में हमास लड़कों ने सुसाइड बॉम्बिंग की शुरुआत की थी, इसके पीछे खालिद मेशाल का ही माइंड माना जाता है।