इस्लाम विरोधी और यूरोपियन यूनियन तक को बेकार बताने वाले गीर्ट वाइल्डर्स अब नीदरलैंड के पीएम भी बन सकते हैं। चुनाव में उनकी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हो सकती है। एग्जिट पोल्स में वह भारी जीत को ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार नीदरलैंड में इतना बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो इसका असर पूरे यूरोप पर लड़ेगा। राष्ट्रीय प्रसारक एनओएस द्वारा प्रकाशित एग्जिट पोल में कहा गया है कि वाइल्डर्स की पार्टी फॉर फ्रीडम ने संसद के 150 सीटों वाले निचले सदन में 35 सीटें जीत चुके हैं, जो पिछले चुनाव में जीती गई 17 सीटों से दोगुनी से भी अधिक है।
नूपुर शर्मा का किया था समर्थन
पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर पूरी दुनिया में बवाल मच गया था। हालांकि नीदरलैंड से उन्हें समर्थन मिला था। तब नीदरलैंड के सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि मैं भारत से अपील करूंगा कि वह कट्ट्रपंथी मुसलमान देशों के दबाव में ना आए। उन्होंने कहा था कि भारत की राजनेता नूपुर शर्मा ने पैगंबर के बारे में सही बोला था। उन्होंने एक ट्वीट में यह भी कहा कि तुष्टीकरण से कभी कोई फायदा नहीं होता। इससे चीजें खराब ही होती हैं। इसलिए भारत के मेरे दोस्तों इस्लामिक देशों के आगे दबाव में मत आओ।
कौन हैं गीर्ट वाइल्डर्स?
गीर्ट वाइल्डर्स का जन्म नीदरलैंड के छोटे से कस्बे वीनलो में 1963 में हुआ था। उनके पिता एक प्रिटिंग प्रेस में मैनेजर थे। गीर्ट वाइल्डर्स रोमन कैथोलिक परिवार में पले बढ़े हैं। वह इस्लामिक देशों की लगातार आलोचना करते रहे हैं। इसी के कारण उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। हालांकि मुस्लिम देशों की आलोचना करने को लेकर उन्हें लगातार मौत की धमकी भी मिली है। वाइल्डर्स नीदरलैंड में कुरान पर पाबंदी लगाने और मस्जिदों को बंद करने की मांग भी कर चुके हैं। खास बात यह है कि वाइल्डर्स की राजनीति की शुरुआत स्पीच राइटर के तौर पर हुई थी। इसके बाद वह खुद राजनीति में उतर आए। 2006 में वाइल्डर्स ने अपना दल बना लिया। इसका नाम उन्होंने पार्टी फॉर फ्रीडम रखा।